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कांग्रेस ने डॉ. अंबेडकर का सही मूल्यांकन नहीं होने दियाः मंत्री मेघवाल

केंद्रीय मंत्री श्री मेघवाल ने खुरई में डॉ. अंबेडकर संग्रहालय का लोकार्पण किया

केन्द्रीय मंत्री श्री मेघवाल ने संग्रहालय के लिए दो करोड़ रूपए स्वीकृत किए, प्रस्ताव भेजने को कहा

खुरई। कांग्रेस बाबा साहेब पर झूठा क्लेम करती रही जबकि तत्कालीन घटनाक्रम बताते हैं कि कांग्रेस की बाबासाहेब को मंत्री बनाने में कोई भूमिका नहीं थी। कांग्रेस ने उन्हें 1952 और 1953 के दो चुनाव जानबूझ कर हरवाए, ताकि बाबासाहेब लोक सभा में नहीं जा सकें। यह तथ्य केंद्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने खुरई में डॉ. भीमराव अंबेडकर संग्रहालय के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। केंद्रीय मंत्री श्री मेघवाल का आज पूर्ण भाषण जनसभा की तरह आरंभ हुआ और भजन-सत्संग से समाप्त हुआ। श्रोता भावविभोर होकर एकटक उन्हें देखते और सुनते रहे।_

संस्कृति मंत्री श्री मेघवाल ने कहा कि खुरई के डा अम्बेडकर संग्रहालय के लिए वे केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय से दो करोड़ रुपए स्वीकृत करेंगे। इसके लिए नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह से उन्होंने प्रस्ताव भेजने को कहा। केंद्रीय मंत्री श्री मेघवाल ने तथ्य रखते हुए कहा कि बाबासाहेब डॉ अंबेडकर का मूल्यांकन दलित नेता और संविधान निर्माता से आगे नहीं हुआ। बाबासाहेब के महाप्रयाण के बाद पांच-दस साल का कालखंड ऐसा भी आया जब तब के सत्ता प्रतिष्ठान ने उनके मूल्यांकन की जरूरत ही नहीं समझी। लेकिन इतिहास महापुरुषों के साथ न्याय करता है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस का यह दावा झूठा है कि उन्होंने बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर को मंत्री बनाया था। सत्य यह है ब्रिटिश सरकार ने अंतरिम राष्ट्रीय सरकार के गठन के लिए कांग्रेस के मंत्रिमंडल का प्रस्ताव ठुकरा कर सभी वर्गों से कुल 14 नाम भेजने को कहा था। नेहरू ने कहा कि इसमें 5-5 हिंदू और मुसलमान नाम थे और 1 दलित का नाम भेजा जाना था। दलित नाम के लिए कांग्रेस ने सबसे योग्य डॉ. अम्बेडकर की जगह कांग्रेस से जगजीवनराम का नाम भेज दिया। दलित संगठनों के विरोध के बाद ब्रिटिश सरकार ने जगजीवन राम को हटा कर डॉ. अंबेडकर को मंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया लेकिन डॉ. अम्बेडकर ने ब्रिटिश सरकार को बाध्य कर दिया कि दलितों की जनसंख्या के आधार पर दलित सदस्यों की संख्या बढ़ाई जाए। इस तरह महानता दिखाते हुए उन्होंने अपना मंत्री पद हासिल किया और जगजीवन राम को भी नहीं हटने दिया। श्री मेघवाल ने बताया कि तथ्य यह है कि आजादी की अंतरिम सरकार को राष्ट्रीय सरकार का दर्जा ही तब मिला जब डॉ. अंबेडकर और डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी को मंत्री मंडल का सदस्य बनाया गया।

श्री मेघवाल ने बताया कि 1952 का लोकसभा चुनाव और फिर 1953 का भंडारा के उपचुनाव में डॉ. अंबेडकर को कांग्रेस ने हरवाया। 1953 के उपचुनाव में संघ के नेता दत्तोपंत ठेंगड़ी बाबासाहेब अम्बेडकर के इलेक्शन एजेंट थे। इससे संघ भाजपा की विचारधारा से बाबासाहेब के संबंधों का पता चलता है। श्री मेघवाल ने समाज के लोगों से कहा कि अब कांग्रेसियों से कहो कि तुमने बाबासाहेब को हरवाया था हम तुम्हें हराएंगे।

केंद्रीय मंत्री श्री मेघवाल ने तथ्यों सहित बताया कि बाबासाहेब संविधान में धारा 370 जोड़े जाने के खिलाफ थे। उन्होंने इसका प्रस्तावक बनने से साफ इंकार कर दिया था। नेहरू ने चाल चल कर संविधान सभा के एक अन्य सदस्य गोपाल स्वामी आयंगर से तब प्रस्ताव पास करा लिया जब बाबासाहेब डॉ अंबेडकर अपने पैरों के दर्द के इलाज के लिए आधे दिन की छुट्टी पर गए थे। बाबासाहेब को लौटने पर पता लगा तब उन्होंने इसके विषय में राजेंद्र प्रसाद से बात की और 370 के साथ अस्थाई शब्द जुड़वाया। कांग्रेस ने धारा 370 को लगातार मजबूत किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने इस धारा को समाप्त किया।

केंद्रीय मंत्री श्री मेघवाल ने बताया कि डॉ. अम्बेडकर ने मजदूरों के लिए न्यूनतम वेतन और प्रसूति अवकाश के प्रावधान ब्रिटेन की तरह भारत में भी लागू कराने के लिए श्रम मंत्री के रूप में असेंबली में 6 घंटे बहस की थी और श्रम मंत्रालय छोड़ने तक की चेतावनी सरकार को दे दी थी। वे लागू कराने में सफल रहे। नदी जोड़ो परिकल्पना बाबासाहेब की ही देन है। रिजर्व बैंक आफ इंडिया, टैक्स सिस्टम जैसे प्रावधान उनके ही दिए हुए हैं।

राजनैतिक तथ्यान्वेषण से आरंभ हुआ और संत रविदास और मीराबाई के आध्यात्मिक प्रसंग सहित भजन की व्याख्या से समाप्त हुआ। उन्होंने खुरई में संत रविदास जी की प्रतिमा और पार्क होने पर संत रामानंद, संत रविदास और मीराबाई के गुरु शिष्य परंपरा के प्रसंग सुनाते हुए मीराबाई का प्रसिद्ध भजन “पायो जी मैंने राम रतन धन पायो“ स्वर गाया और इसकी व्याख्या समझाई।

मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ. अम्बेडकर का सपना था कि गरीब और वंचित वर्ग की अशिक्षा दूर हो तभी वे आगे बढ़ सकते हैं। आज देश और प्रदेश की हमारी ओर भाजपा सरकारें इस काम को कर रही हैं। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि हम हर साल डॉ. अंबेडकर की जयंती मनाते थे। मेरे मन में यह सोच थी कि डॉ. अंबेडकर के विचारों के लिए कुछ स्थाई किया जाए जिससे युवाओं को प्रेरणा मिलती रहे। तभी इस संग्रहालय ने मूर्त रूप लिया है। उन्होंने बताया कि प्राइम लोकेशन पर दो करोड़ की जमीन पर तीन करोड़ की लागत से बना यह संग्रहालय तहसील स्तर पर बना प्रदेश का पहला संग्रहालय है। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय आगे शोध केंद्र के रूप में विकसित हो ताकि लोग बाबासाहब के बारे में पढ़ें, जाने और आगे बढ़ें।

मंत्री श्री सिंह ने बताया कि हमने खुरई विधानसभा क्षेत्र में सभी समुदायों को साथ लेकर समरसता के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए काम किया है। प्रधानमंत्री मोदी जी के संदेश सबका विकास, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास को खुरई में प्रत्यक्ष देखा जा सकता है। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्री श्री मेघवाल डॉ. अंबेडकर के कृतित्व व व्यक्तित्व के प्रामाणिक जानकारी और वक्ता हैं। उनको सुनना सभी के लिए प्रेरणादायक होता है।

समारोह में अनुसूचित जाति जनजाति समाज के 180 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। विभिन्न क्षेत्रों के 60 ख्याति नाम समाजसेवी हस्तियों, विभिन्न विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ भाजपा नेता संतोष रोहित ने किया। कार्यक्रम में सांसद राजबहादुर सिंह, जिला भाजपा अध्यक्ष गौरव सिरोठिया, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती नन्हीं बाई अहिरवार, जनपद अध्यक्ष जमना प्रसाद अहिरवार, नगरनिगम अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार, अनुसूचित जाति मोर्चा अध्यक्ष नरेन्द्र अहिरवार, विधानसभा प्रभारी इंजी. काशीराम अहिरवार, बबलू चौधरी, मोतीलाल अहिरवार, नीलेश अहिरवार, सनत रोहित, राजकुमार अहिरवार, सोनू बाल्मिकी, सुन्दरलाल ठेकेदार, चऊदे अहिरवार, खुरई नगर पालिका के पार्षदों में श्रीमती रेखा अहिरवार, श्रीमती कुसुम राजहंस, श्रीमती नर्मदा अहिरवार, श्रीमती सुमन अहिरवार, श्रीमती विनिता सौर, श्रीमती सुनीता राय, जयराम अहिरवार, द्वारका प्रसाद अहिरवार, विक्रम अहिरवार, श्रीमती गीता राज, भाजपा नेता प्रभु चौधरी, श्रीमती माया मंडल, मुकेश आदिवासी, शैलेन्द्र नैक्या, हरिराम अहिरवार, गोवर्धन माते, मानक अहिरवार, आनंदी लाल अहिरवार, कमलेश राय, इंद्रकुमार राय, नरेश वनपुरिया मालथौन से अजुद्दी अहिरवार, बरोदियाकलां से लोटन अहिरवार, श्रीमती हल्ली अहिरवार, दिलीप अहिरवार, बांदरी से रामकिशन अहिरवार, गोविंद अहिरवार, मोहन अहिरवार सहित क्षेत्र के जनप्रतिनिधि समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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