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ईद का त्यौहार अकीदत के साथ मनाया गया

बेगमगंज। ईदुल फितर का त्योहार अकीदत के साथ मनाया गया सुबह सवेरे रंग-बिरंगे कपड़ों से सजे-धजे लोग बीना नदी किनारे ईदगाह की तरफ जाते हुए दिखलाई दिए वही मक्का मस्जिद बालाई टेकरी और जामा मस्जिद में भी  लोगों का जाने का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा तीनों ही स्थानों पर ईद की नमाज अलग-अलग समय में अदा की गई।


जामा मस्जिद में सुबह 7:15 बजे मुफ्ती असालत खां नदवी, मक्का मस्जिद बालाई टेकरी पर 7:30 मौलाना जैद जुल्फी, एवं जामा मस्जिद में 7:45 बजे मौलाना जुनैद खान ने ईद की नमाज अदा कराई। तीनों ही स्थानों पर पवित्र माह रमजान के समापन पर आयोजित होने वाली ईद के संबंध में तकरीर की गई और बताया गया कि

इस्लामिक मान्यता के मुताबिक, रमजान महीने मैं पवित्र ग्रंथ कुरान का नुजूल हुआ इसलिए रमजान को कुरान का महीना भी कहा जाता है। ईद उल फितर रोजेदारों के इनाम का दिन है इस दिन परवरदिगार रोजेदारों को बेशुमार इनामात से नवाजता है। पवित्र माहे रमजान में निकाली जाने वाली जकात बेफिक्रे के संबंध में भी विस्तार से बताते हुए खुशी के दिन आपस की बुराईयां  दूर कर गिले-शिकवे दूर करने का आह्वान भी किया गया।

नमाज के बाद लोगों ने गले मिलकर एक दूसरे को ईद की बधाई दी वहीं जनप्रतिनिधियों और विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने  पहुंचकर लोगों को ईद की शुभकामनाएं दी। ईद की नमाज के इन्हीं स्थानों पर सैकड़ों हाथ दुआओं के लिए उठे और लोगों ने रोते हुए मुल्क में अमनो अमान, बीमारियां दूर होने, परेशानियां खत्म होने, आपस में प्यार मोहब्बत कायम रखने, आदि की दुआ पर आमीन आमीन की सदाएं बुलंद की। लोग एक रास्ते से ईदगाह गए और दूसरे रास्ते से वापस हुए। 

सिमईया शीर खुरमा आदि पकवान बनाकर लोगों ने घरों पर दावतो के दौर चलते रहे।  वही लोग उन घरों में भी पहुंचे जहां पर गमी का माहौल था। कब्रिस्तान में जाकर भी अपने पूर्वजों को फातिहा पढ़कर बख्शी गई। गरीबों मोहताजो के लिए है खैरात तकसीम की गई। तीनों ही स्थानों पर पुलिस प्रशासन मौजूद रहा अधिकारियों ने भी लोगों को ईद की शुभकामनाएं दी। मोहम्मदी मस्जिद में आसपास गांव के आने वाले लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई थी 

ईद की नमाज

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