भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में बहनों का निरंतर सशक्तिकरण हो रहा है। जिन लाड़ली लक्ष्मियों को मैंने गोद में खिलाया था, आज वे सरकार चलाने का काम कर रही हैं। आज ऐसी ही एक बेटी भारती हरदा नगर पालिका अध्यक्ष है। राज्य सरकार ने पंचायतों में बहनों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण लागू किया, जिससे आज ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत तक मेरी बहनें राज कर रही हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज हरदा में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना महा सम्मेलन में शामिल हुए। उन्होंने 102 करोड़ रूपये के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन किया। साथ ही विभिन्न शासकीय योजनाओं में हितग्राहियों को हितलाभ वितरित किये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि एकलव्य विद्यालय के लिए स्व. श्री हरिप्रसाद पालीवाल ने अपनी निजी 22 एकड़ जमीन दान की थी। विद्यालय के आवासीय भवन का नाम स्व. श्री पालीवाल के नाम से रखा जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवार की महिलाओं के लिये मुख्यमंत्री लाड़ली बहना शुरू की गई है। इस योजना से मेरी सभी पात्र बहनें लाभान्वित होगी। उन्होंने कहा कि भाई-बहन का स्नेह, आत्मा और प्रेम का संबंध है। बहन-बेटियों का सम्मान और उनका कल्याण मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। मैं अक्सर यह गाना गुनगुनाता रहता हूँ "फूलों का तारों का सबका कहना है, एक हजारों में मेरी बहना है।" बहनों की खुशी मेरी खुशी है। बहनों की जिंदगी खुशहाल हो, यह मेरे मुख्यमंत्री बनने की सार्थकता है। मध्यप्रदेश में भाई-बहन का यह अटूट बंधन विकास भी करेगा और जनता का भविष्य भी बनाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पहले बेटा-बेटी में भेद किया जाता था। बेटे को वरदान और बेटी को बोझ माना जाता था। मैंने इस अन्याय को समाप्त करने का संकल्प लिया और निरंतर इस दिशा में कार्य किया। मध्यप्रदेश में सबसे पहले लाड़ली लक्ष्मी योजना बनाई गई, जिससे बेटियों को लखपति बनाने का कार्य किया गया। आज प्रदेश में 44 लाख से अधिक लाड़ली लक्ष्मी हैं। जिन बेटियों को मैंने गोद में खिलाया था, आज वे बड़े-बड़े कार्य कर रही हैं। गरीब बेटियों की केवल पढ़ाई-लिखाई की नहीं बल्कि उनके विवाह की जिम्मेवारी भी सरकार उठाती है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में उनका विवाह कराया जाता है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए मध्यप्रदेश के स्थानीय निकायों में बहनों को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। पुलिस की भर्ती में उन्हें 30 प्रतिशत और शिक्षकों की भर्ती में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। बहन, बेटियों के नाम से अचल संपत्ति खरीदने पर उनसे सिर्फ 1 प्रतिशत स्टांप शुल्क लिया जाता है। अब बहनों के लिए लाड़ली बहना योजना चालू की गई है, जिसमें उन्हें प्रतिमाह 1000 रूपये दिए जाएंगे। योजना का लाभ उन सब बहनों को मिलेगा, जिनकी उम्र 23 से 60 वर्ष के बीच है, परिवार की सालाना आमदनी ढाई लाख रूपए से कम है, 5 एकड़ से अधिक भूमि नहीं है और 4 पहिया वाहन नहीं है। योजना में 30 अप्रैल तक फॉर्म भरे जा रहे हैं। मई माह में आवेदनों का परीक्षण कर पात्र बहनों के खाते में 10 जून से राशि आने लगेगी। यह योजना बहनों को आत्म-निर्भर बनाएगी।