तीन माह में 100 से ऊपर गौवंश की मौत, गायों की मौत से ग्रामीणों में आक्रोश
बजरंग दल जांच नहीं होने पर उग्र, दे रहा है चेतावनी, स्थानीय लोग भी गायों की मौतों पर जांच की कर रहे हैं मांग
बेगमगंज। सरकार द्वारा निराश्रित गोवंश की व्यवस्था के लाख दावे किए जा रहे हैं और करोड़ों रुपए की राशि प्रदेश भर में निराश्रित गोवंश पर खर्च भी की जा रही है लेकिन गौशाला में गोवंश की स्थिति खराब है।रायसेन जिले की जनपद पंचायत बेगमगंज अंतर्गत आने वाली ग्रामपंचायत टेकापार मुजप्ता के गांव बेरसला में स्थित शासकीय मधु शुधन गौशाला में 100 से ज्यादा गायों की मौत का मामला सामने आया है। स्थानीय लोगों ने शवों से आने वाली बदबू से परेशान होकर सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की हैं बाबजूद प्रशासन ने जब गंभीरता से नहीं लिया तब स्थानीय लोगों ने विरोध जताया तब मामले का खुलासा हुआ।
मिर्च मवेशियों के ढांचे |
गौशाला का करीब 3 माह पूर्व क्षेत्रीय विधायक रामपाल सिंह राजपूत के निज सचिव भोला शंकर पाराशर और जनपद पंचायत सीईओ आशीष जोशी समेत प्रशासन के अधिकारी एवं भाजपा के नेता एवं कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में उद्घाटन किया गया था। और उसी दिन सुल्तानगंज समेत क्षेत्र में घूम रही करीब 300 निराश्रित गायों को ले जाकर रखा गया था। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा गौशाला संचालन एवं गायों की रेख देख के लिए ग्राम पंचायत टेकापार मुंजप्ता को सौंपा गया था। ग्राम पंचायत के सरपंच एवं पंचायत कर्मियों की लापरवाही से गौशाला कब्रगाह बन चुकी है।
गौशाला के सामने बने तालाब में और गौशाला के आसपास मृत गायों के शव, हड्डियां और कंकाल मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया। गौशाला में तीन माह पूर्व जहा तीन सौ के करीब गौवंश था आज उस गौशाला में केवल 90 गौवंश बचा हैं। स्थानीय लोग और बजरंग दल गायों की मौतों की उच्च स्तरीय जांच की मांग वही दोषियों पर सख्त कार्यवाही की मांग कर रहें।
इस संबंध में जनपद सीईओ आशीष जोशी का कहना है कि करीब 2 माह पहले ही गौशाला शुरू की गई है प्राकृतिक रूप से जिन गायों की मौत हुई है उसका रिकॉर्ड मौजूद है फिर भी यदि लोग कह रहे हैं तो मामले की जांच कराई जाएगी इसमें यदि किसी की लापरवाही पाई गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी