बेगमगंज। ग्राम पंचायत के गठन के बाद से ग्राम पंचायत द्वारा छोटे-छोटे गरीब दुकानदारों को बाजार बैठकी की शुल्क के नाम पर ₹20 से लेकर ₹50 प्रति दिन वसूले जा रहे हैं।
ग्राम पंचायत द्वारा निर्धारित स्कूल का सूचना पटल नहीं लगाया गया है । वसूलकर्ता जबरन प्रतिदिन 20 से 50 प्रति दुकानदार रंगदारी से वसूल रहा है । सरपंच एवं सचिव की सांठगांठ के चलते उक्त वसूली का रिकॉर्ड भी पंचायत के अभिलेखों में मौजूद नहीं है ।
जब इस संबंध में उनसे संपर्क साधा गया तो पंचायत सचिव का कहना था कि बाजार बैठकी शुल्क पिछले 10 वर्षों से बराबर लिया जा रहा है जोकि पिछली पंचायतों के सरपंचों एवं सचिवों द्वारा शुरू किया गया था। वही कार्यक्रम चल रहा है ,यह कोई नया काम नहीं है ।
इस संबंध में दुकानदारों में मोहनलाल , हरगोविंद सिंह , राजाराम साहू , जगदीश साहू मनोहर कुशवाहा इत्यादि का आरोप है कि सुल्तानगंज में जजिया कर वसूली की शिकायतें उनके द्वारा पूर्व में की गई थी लेकिन अवैध रूप से वसूला जाने वाला टैक्स का काम प्रशासन द्वारा बंद नहीं कराया गया बल्कि अब तो और ज्यादा तेजी से वसूली चल रही है।
एक दशक से चलने वाली उक्त वसूली का विधिवत प्रस्ताव ग्राम पंचायत के द्वारा पारित नहीं किया गया बल्कि पूर्व के सरपंच एवं सचिव की मनमानी के चलते उपरोक्त टैक्स वसूली की प्रक्रिया शुरू की गई थी जोकि अब तक चल रही है ।
फुटपाथ पर छोटी-छोटी दुकान लगाने वाले गरीब दुकानदारों से भी ₹20 से लेकर ₹50 तक का टैक्स वसूला जा रहा है। इनमें वे लोग भी शामिल है जो बमुश्किल एक सौ . ₹ से लेकर दो सौ.रु. रोज कमा पाते होंगे ।
सुल्तानगंज क्षेत्र के दुकानदारों सहित साप्ताहिक बाजार करने के लिए बेगमगंज , सिलवानी ,टड़ा , केसली और सागर से आने वाले दुकानदारों का भी आरोप है कि उन लोगों से पंचायत द्वारा जबरन वसूली की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि प्रतिदिन वसूला जाने वाला जजिया कर का कोई रिकॉर्ड रखा भी जा रहा है या नहीं पता नहीं चल रहा है कि प्रतिदिन कितनी वसूली होती है और अब तक 10 वर्षो में कितनी राशि पंचायत के खाते में जमा हो चुकी है और वसूली गई राशि किन किन मदों में खर्चों की गई है अथवा पंचायत के खाते में जमा की गई है ।
सुल्तानगंज वासियों ने भी शासन प्रशासन से मांग की है कि इस संबंध में शीघ्र कदम उठाते हुए जजिया कर की वसूली बंद कराई जाए ।