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हाईकोर्ट के बाद शासन ने भी कहा, बेहटा की भूमि बचाओ

अतिक्रमणकारियों को हटाने के बजाय पीछे खिसका दिया

टीएल मीटिंग में कलेक्टर ने डीएफओ से मांगी स्टेटस रिपोर्ट

भोपाल। कलेक्टर भोपाल आशीष सिंह ने बेहटा प्लांटेशन लैंड को लेकर डीएफओ, पर्यावरण राजवीर सिंह से स्टेट्स रिपोर्ट मांगी है। दूसरी ओर, मौके पर पहुंचे क्षेत्रीय विधायक रामेश्वर शर्मा से स्थानीय रहवासियों ने विरोध जताया तो अतिक्रमणकारियों को मौजूदा जगह से पीछे खिसका दिया गया है, लेकिन हटाया नहीं जा रहा है। 

दरअसल सोमवार को टाइम लिमिट की मीटिंग में कलेक्टर ने बेहटा प्लांटेशन पर अतिक्रमण को लेकर सवाल किया, जिस पर बैरागढ़ एसडीएम मनोज उपाध्याय ने जवाब दिया कि, वह तो निजी जमीन है। इस पर कलेक्टर ने वनविभाग के प्रतिनिधि एसडीओ आरएस भदौरिया से स्थिति स्पष्ट करने को कहा, तो भदौरिया ने बताया कि बेहटा प्लांटेशन की जमीन का नामांतरण 1998 में सीपीए के पक्ष में हो चुका है और जमीन सरकारी होकर उस पर प्लांटेशन भी है। तब कलेक्टर ने निर्देशित किया कि डीएफओ राजवीर सिंह को मय रिपोर्ट के तलब किया जाए। वहीं बेहटा में वन अमला पेड़ों की गिनती करने में जुटा हुआ है। 

विधायक से रहवासियों ने की शिकायत


विधायक रामेश्वर शर्मा सोमवार को मौके पर पहुंचे तो क्षेत्रीय रहवासियों ने शिकायत करते बताया कि प्लांटेशन में झÞुग्गीवालों को बसाने की आड़ में प्लाट बेचे जा रहे हैं। अभी झुग्गीवाले बढ़ते जा रहे हैं और दारू पीकर गाली-गलौच करके हंगामा करते हैं। दरवाजे ठोकते हैं और सामान की चोरियां हो रही हैं। इसके बाद अवैध कब्जा करने वालों को तालाब की ओर करीब 200 फीट पीछे खिसका दिया गया। इसके बाद झुग्गीवाले अब तालाब किनारे तक साड़ियां बांधकर तेजी से कब्जा करने में जुट गए हैं। 

े्रहाईकोर्ट स्टे के पालन के दिए निर्देश

दूसरी ओर, निवास गृह निर्माण सहकारी संस्था ने बेहटा की जमीन को अपनी बताते हुए उप सचिव, नगरीय विकास एवं आवास विभाग को सोमवार को पत्र लिखते दावा किया है कि जमीन उनकी है, जिसको लेकर हाईकोर्ट का स्टे हैं। ऐसे में जमीन में किसी को अनाधिकृत कब्जे को रोका जाए। इस पर तत्काल ही उप सचिव शुभाषीश बनर्जी ने कलेक्टर भोपाल को निर्देशात्मक पत्र जारी कर दिया है कि, हाईकोर्ट केस की अद्यतन स्थिति से अवगत कराएं और बेहटा की जमीन की सुरक्षा सुनिश्चित करवाएं। हालांकि हाईकोर्ट ने पहली बार 17 मई 2002 और दूसरी बार 26 जून 2002 को  शासन के पक्ष में स्टे आदेश दिया है। 

बेहटा में सीपीए का प्लांटेशन है, जिसकी सुरक्षा के बारे में कलेक्टर को रिपोर्ट भेजी गए है। इसमें जमीन को प्राइवेट लैंड नहीं बताया गया है, बल्कि बेहटा की जमीन सीपीए के पास है, जिस पर ढ़ाई हजार पौधे लगाए गए हैं। 

                      राजवीर सिंह, डीएफओ, पर्यावरण वानिकी

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