भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि महापुरूषों की प्रतिमाएँ हमारा मार्गदर्शन और पथप्रदर्शन करती हैं। भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा हमें यही याद दिलाएगी कि उनके द्वारा बनाए गए संविधान के प्रावधानों के परिणामस्वरूप ही हम जनता के प्रतिनिधि के रूप विधायक और मंत्री का दायित्व निभा रहे हैं। बाबा साहेब के उदघोष " शिक्षित बनो-संगठित रहो- संघर्ष करो" ने हमें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने में समर्थ बनाया। बाबा साहेब कुछ लोगों के नहीं सभी देशवासियों के श्रद्धा के केंद्र हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान मध्यप्रदेश विधानसभा परिसर में भारत रत्न बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर प्रतिमा अनावरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। विधानसभा अध्यक्ष श्री गिरीश गौतम, गृह तथा संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह और विधानसभा की अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण समिति के अध्यक्ष इंजीनियर प्रदीप लारिया विशेष रूप से उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सामाजिक न्याय के प्रणेता तथा दलित, शोषित, पीड़ितों को उनके अधिकार दिलवाने का मार्ग प्रशस्त करने वाले श्रद्धेय बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर को मानने के साथ ही उनके विचारों को आत्मसात करना आवश्यक है। उनके सपनों को साकार करने के लिए हमें उस दिशा में प्रतिदिन का कार्य करने और समतामूलक समाज के निर्माण के लिए सकारात्मक प्रयास करने का संकल्प लेना होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश का सौभाग्य है कि डॉ. अम्बेडकर का जन्म महू में हुआ, जिसका नामकरण उन्हीं के नाम पर किया गया है। राज्य सरकार द्वारा महू में डॉ अम्बेडकर का स्मारक निर्मित कराया गया था। अब सेना से भूमि मिल जाने से महू आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाएगी।
विधानसभा अध्यक्ष श्री गिरीश गौतम ने कहा कि बाबा साहेब अम्बेडकर ने समाज को चेतना दी। परिणामस्वरूप समाज का हर वर्ग शिक्षित होने के लिए प्रयासरत है। राज्य सरकार का भी निरंतर प्रयास है कि समाज का कोई भी वर्ग शिक्षा से वंचित न रहे। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा इस दिशा में किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। कार्यक्रम को नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने भी संबोधित किया।