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समर्पण और सेवा के बदले महत्व नहीं मिलने से बढ़ते असंतोष की चिंता

भाजपा कोर कमेटी की बैठक में फीडबैक के अधूरेपन और निष्क्रियता पर मंथन

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में दशकों से पार्टी की सेवा और समर्पण के बदले महत्व नहीं मिलने से बढ़ते असंतोष के साथ ही मंत्रियों से लेकर पार्टी पदाधिकारियों की अपेक्षित सक्रियता नहीं होने पर फोकस किया गया। इसके अलावा पिछली कोर कमेटी की बैठक के बाद जिलावार फीडबैक के लिए पार्टी के दर्जनभर नेताओं को भेजा गया था, उनकी रिपोर्ट भी चिंता बढ़ाने वाली निकली है। 

भाजपा कोर कमेटी की मंगलवार को हुई बैठक में प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री शिवप्रकाश, सहसंगठन मंत्री अजय जामवाल, हितानंद शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, जयभान सिंह पवैया, भूपेंद्र सिंह ठाकुर आदि मौजूद रहे। वहीं कोरोना पाजीटिव होने से केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया नहीं आ सके। बैठक में पांचवीं बार सरकार बनाने की राह में आने वाली बाधाओं के साथ ही 2018 में हुई चूक नहीं दोहराने का दबाव था। ज्ञात हो कि पिछली कोर कमेटी की बैठक में  जिलावार फीडबैक के लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, माखन सिंह, गोपाल भार्गव आदि को दो से तीन जिलों की जिम्मेदारी दी गई थी। इन सभी की रिपोर्ट भी चिंता बढ़ाने वाली निकली है, जिसमें सरकार की ओर से सिर्फ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सक्रियता ही प्रदेशव्यापी है। बाकी मंत्रियों, विधायकों और सांसदों की अपने क्षेत्र में नहीं मिलने या कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं होने की बात सामने आई है। इसी तरह संगठनात्मक स्तर पर भी सिर्फ प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ही दौरे कर रहे हैं और समन्वय बनाते घूम रहे हैं, अन्यथा संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी भी सिर्फ आयोजनों मे ंही नजर आ रहे हैं। 

फीडबैक लेने पर भी अंगुलियां

फीडबैक लेने के लिए वरिष्ठ नेताओं को जिलों में बैठक करके कार्यकर्ताओं के मन की थाह लेना थी, लेकिन इस पर भी विवादों का साया पड़ ही गया। इस बारे में इंदौर में भंवर सिंह शेखावत ने खुलकर कहा कि उनको बैठक की सूचना तक नहीं दी गई, जबकि वह इंदौर क्षेत्र में भाजपा की जडेÞ जमाने वालों में शामिल हैं। 

पार्टी में बढ़ती विद्रोही मनोवृत्ति

अशोक नगर के दिग्गज भाजपाई राव देशराज सिंह यादव के बेटे देवेंद्र सिंह यादव और खरगोन के पूर्व सांसद मकन सिंह के पार्टी छोड़ने की मनोवृत्ति बढ़ने का अंदेशा जताया गया। संगठ न में समर्पण और सेवा भावना के कमजोर होने को जिम्मेदार ठहराते हुए जिलास्तर पर भी वन-टू-वन चर्चा और समन्वय की बात उठी। 

विंध्य में असंतोष काबू से बाहर 

इस पर चिंतन हुआ कि मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी द्वारा विंध्य जनता पार्टी बनाने का कितना असर होगा, क्या कांग्रेस इसका फायदा उठा पाएगी और बसपा का पुनर्जीवन हो सकेगा। इस पर विचार के साथ ही बूथ लेवल कार्यकर्ताओं को मजबूती से तैयार करके नए चेहरों को संगठन में मौका देने पर हामी भरी गई।

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