भोपाल। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के विजन को साकार करने के लिए प्रदेश के हर घर से एक व्यक्ति को डिजीटली साक्षर बनाया जाएगा। प्रदेश में 30 लाख लेपटॉप निर्माण की नई यूनिट भी प्रारंभ की जा रही है। यह बात प्रदेश के एमएसएमई मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने रविवार को जावद में एमएसएमई विभाग द्वारा खाद्य प्रसंस्करण आधारित एमएसएमई की स्थापना पर आधारित दो दिवसीय कार्यशाला एवं उन्नत कृषकों की संगोष्ठी के शुभारंभ समारोह में कही। विधायक श्री दिलीप सिंह परिहार, विधायक मनासा श्री अनिरूद्ध मारू, इन्टेल कंपनी के पूर्व वाइस प्रेसीडेंट श्री सी.एस.राव, ट्रोपोलाइट फूड इंडस्ट्रीज ग्वालियर की डॉ.सोनाली सक्सेना, डॉ.राजीव त्यागी, ईएण्डवाय के प्रतिनिधि श्री सुनीलकुमार साई, सी.एफ.टी.आर.आई.मैसूर की डायरेक्टर श्रीदेवी अन्नपूर्णा सिंह, वैज्ञानिक डॉ.उमेश हैदर, डॉ.प्रवीण सिह नेगी, डॉ.आर.बी.श्रीधर सहित कई वैज्ञानिक, उद्योगपति, नव-उद्यमी, एवं प्रगतिशील कृषक उपस्थित थे।
एमएसएमई मंत्री श्री सखलेचा ने कहा कि प्रदेश का औद्योगिक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। नीमच जिले में एक वर्ष में 196 नये उद्योग स्थापित हुए हैं, साथ ही जिले में पाँच नये औद्योगिक क्लस्टर बनाये गये हैं। उन्होंने कहा कि जिले में उन्नत कृषि को देखते हुए खाद्य प्र-संस्करण उद्योगो की नई श्रृंखला स्थापित करने की अपार संभावनाएँ हैं। विधायक मनासा श्री अनिरूद्ध मारू ने कहा कि नीमच जिले में कृषि आधारित उद्योगों के क्षेत्र में अपार सभावनाएँ हैं।
बेंगलुरू से विशेष रूप से आए इन्टेल के पूर्व वाइस प्रेसीडेन्ट श्री सी.एस.राव ने कहा कि आज डिजिटल इण्डिया काफी महत्वपूर्ण है। हम कक्षा 6 से 12वीं तक के बच्चों के लिए विशेष रूप से लेपटाप तैयार कर रहे है। प्रदेश के भोपाल और इंदौर में 30 लाख लेपटॉप निर्माण की यूनिट शीघ्र ही शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया आपका इंतजार कर रही है। डिजीटल इंडिया के माध्यम से कदम आगे बढ़ाएँ।
ट्रोपोलाईट फूड इंडस्ट्रीज ग्वालियर के प्रतिनिधियों डॉ.सोनाली सक्सेना, श्री राजीव त्यागी, डा.प्रवीण सिंह ने अपनी कंपनी द्वारा उत्पादित खाद्य पदार्थों के बारे में विस्तार से प्रजेन्टेशन देते हुए मिलेट मिशन में मोटे अनाज की फूड प्रोसेसिंग इकाई स्थापना के बारे में बताया। ई एण्ड वाय के प्रतिनिधि श्री सुनील कुमार सांई ने नीमच जिले में खाद्य प्र-संस्करण उद्योगों की स्थापना के मद्देनजर फिजीबिलीटी स्टडीज के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए औषधीय, डेयरी, फल एवं सब्जियों की प्रोसेसिंग यूनिट स्थापना की लागत और मशीनरी आदि के बारे में विस्तार से प्रजेन्टेशन दिया।