बेगमगंज। सरकार द्वारा सोसायटियों के माध्यम से उपार्जन केंद्र बनाकर शासकीय मूल्य पर किसानों का गेहूं खरीदने के पश्चात आज दिनांक तक उन्हें भुगतान नहीं होने एवं उपार्जन केंद्रों की दूरी 25 से 30 किलोमीटर दूर होने से किसानों में आक्रोश पनप रहा है।
सुल्तानगंज क्षेत्र का 30 किमी दूर मढ़िया में श्रीगुरु लॉजिस्टिक वेयरहाउस का । |
किसानों का आरोप है कि अपने- अपने चहेते छोटे भैया नेताओं को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से गेहूं खरीदी केंद्र 25 से 30 एवं 40 किलोमीटर दूर तक बनाए गए हैं। जहां किसानों को अपना गेहू बेचने के लिए जाना पड़ रहा है। जबकि अभी तक किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य 2 से 5 किलोमीटर के अंदर उपार्जन केंद्र बनाए जाते थे लेकिन इस बार अपनों को लाभ पहुंचाने की दृष्टि उपार्जन केंद्र कई - कई किलोमीटर दूर बनाए गए हैं । मजबूरी में किसानों को अपना गेहूं तुलवाने के लिए वहां जाना पड़ रहा है।
सरकार द्वारा एक अप्रैल से गेहूं की खरीदी शुरू की गई थी । आज 19 अप्रैल हो गई लेकिन उन्हें भुगतान नहीं किया गया जबकि अभी उन्हें पैसों की सख्त जरूरत है । अपने बच्चों के विवाह शादी एवं कर्ज चुकाने के लिए किसानों को नगद राशि चाहिए । घरेलू काम एवं विवाह इत्यादि निपटाने के लिए सभी किसान फसल आने का इंतजार कर रहे थे । फसल आने के बाद वे अपने ऊपर चढ़ी उधारी को चुकाने के लिए तैयार हैं लेकिन सरकार द्वारा अभी तक भुगतान नहीं किए जाने से कर्जदारों के तकाजों से परेशान किसानों ने तत्काल भुगतान किए जाने की मांग की ।
तहसील में 12 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं । सेवा सहकारी संस्थाओं में एलएसएस बेगमगंज केंद्र के दो , भूरेरू के दो , सुमेर के दो , पन्दरभटा एक , सुल्तानगंज पांडाझिर , शाहपुर सुल्तानपुर एवं सुनवाहा सोसायटियों में पंजीकृत किसानों के खरीदी केंद्र कई - कई किलोमीटर दूर स्थित वेयरहाउस पर बनाए गए हैं ।
जिसके कारण किसानों को अपनी गेहूं की फसल की तुलाई के लिए मीलों लंबा सफर तय करके आना पड़ता है और 2 से 3 दिन तक की मशक्कत के बाद गेहूं तुलाई होने के बावजूद भी एक पखवाड़ा बीत गया लेकिन उनकी उपज का भुगतान नहीं किया गया।
किसानों द्वारा बैंकों में जाकर भुगतान आने की जानकारी आए दिन ली जा रही है लेकिन खातों में पैसा नहीं आने के कारण मायूस होकर किसान अपने - अपने गांव को लौट जाते हैं। वर्तमान में गेहूं खरीदी में अव्यवस्था एवं अफरा तफरी के चलते किसानों में भारी आक्रोश है ।
सूत्रों के अनुसार 12 खरीदी केंद्रों पर अब तक 1913 किसानों का 1823 72 . 04 कुंटल गेहूं खरीदा गया है । जिसकी भुगतान राशि 3875 40 355 होती है लेकिन किसानों द्वारा सहकारी समितियों के माध्यम से लिए गए ऋण. की वसूली राशि काटने के पश्चात 3784 566 31 रुपए का भुगतान किया जाना है जोकि अभी तक अप्राप्त है ।
पिछले एक पखवाड़े से सभी केंद्रों पर गेहूं तूलवाई के लिए किसानों की भारी भीड़ लगी हुई है । आपाधापी से बचने के चक्कर में वेयरहाउस मालिकों द्वारा सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का उल्लंघन करते हुए किसानों का गेहूं तोल कांटे पर तुलवाकर कर वेयरहाउस के अंदर फर्श पर ही गेहूं का ढेर लगवाया जा रहा है ,जबकि नियम 50 -50 किलो की बोरियों में भरकर तुलाई करने का है।
इस समय मिलीभगत के चलते सभी नियम और निर्देश ताक पर रख दिए गए हैं। किसानों में सौरभ शर्मा ,बालगिरी गोस्वामी , सुनील शर्मा , माधव सिंह लोधी , जाहर सिंह ,राजकुमार यादव , मनोहर लाल यादव , राजेंद्र यादव ,मनीष पटेल , संदीप पटेल ,जागेश्वर लोधी , मोहन लोधी इत्यादि का आरोप है कि सहकारी समिति प्रबंधक एवं सहायक प्रबंधक तथा वेयरहाउस संचालकों के गठजोड़ से किसानों की अनाज खरीदी अव्यवस्था की भेंट चढ़ गया है ।
सुरक्षित ढंग से बोरियों में नहीं भरकर नमीयुक्त फर्श पर गेहूं को ढेर किया जा रहा है जोकि नमी पैदा होकर खराब होने की स्थिति में रहेगा ।
उपरोक्त किसानों ने यह भी आरोप लगाया है कि सहकारी संस्थाएं एवं खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा कतिपय लोगों को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से 25 से 50 किलोमीटर दूर तक के वेयरहाउस में खरीदी केंद्र बनाए गए हैं , जिसे कि मढ़िया का श्रीगुरु लॉजिस्टिक वेयर हाउस पर सुल्तानगंज , सुनवाह एवं शाहपुर -सुल्तानपुर सोसायटियों के उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं तो इन क्षेत्रों के किसानों को कई किलोमीटर दूर का सफर तय करके यहाँ गेंहू बेंचने आना पड़ रहा है ।
आज स्थिति यह है कि किसानों को कई -कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ रहा है। इससे परिवहन में खर्चा बढ़ गया है, जो मजबूरी में किसानों को चुकाना पड़ रहा है । इस वर्ष तो सरकार की गेहूं खरीदी की योजना किसानों के लिए गले की हड्डी बन गई है ।