मुंबई। 1931 में रिलीज हुई फिल्म आलम आरा के बाद बोलती फिल्मों का दौर आया, तो कई नए कलाकारों को हिंदी सिनेमा से जुड़ने का मौका मिला। इन नए कलाकारों में से एक थीं इंदुरानी। असली नाम तो इनका इशरत जहां था, लेकिन मुस्लिम परिवार की इशरत जब फिल्मों में आईं तो पिता ने इन्हें इंदु नाम दिया। पहले तो पिता इंदुरानी को फिल्मों में भेजने के खिलाफ थे, लेकिन जब वो जुआरी बने तो उन्होंने अपने खर्च के लिए बेटियों को हथियार बनाया। इंदुरानी फिल्मों में आईं और अपने हुनर से बोलती फिल्मों की स्टार बन गईं, लेकिन चंद गलत फैसलों और बच्चे की मौत के सदमे से इनका करियर बर्बाद हो गया।
इन सबसे इतर इंदुरानी 1940 में भारत की सबसे कम उम्र में घर खरीदने वाली लड़की थीं। फिल्मों में काम करते हुए इन्होंने मीना कुमारी और गोविंदा के पिता अरुण आहूजा की भी आर्थिक मदद की। कई बार तो ऐसा भी हुआ, जब लोगों ने इनकी मदद करने की आदत का फायदा उठाया।