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भागवत कथा से मन का शुद्धिकरण होता है: देवी साक्षी

बेगमगंज। कथा की सार्थकता जब ही सिध्द होती है जब इसे हम अपने जीवन में व्यवहार में धारण कर निरंतर हरि  स्मरण करते हुए अपने जीवन को आनंदमय, मंगलमय बनाकर अपना आत्म कल्याण करें। अन्यथा यह कथा केवल ‘ मनोरंजन ‘, कानों के रस तक ही सीमित रह जाएगी । भागवत कथा से मन का शुद्धिकरण होता है। इससे संशय दूर होता है और शांति व मुक्ति मिलती है।

पील पहाड़ी में श्रीमद् भागवत कथा में शामिल हुए दुर्गेश राजपूत

पील पहाड़ी गांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में कथावाचक देवी साक्षी जी ने उक्त बात कही उन्होंने कहा कि सद्गुरु की पहचान कर उनका अनुकरण एवं निरंतर हरि  स्मरण, भागवत कथा श्रवण करने की जरूरत है। 

श्रीमद भागवत कथा श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है। जहां अन्य युगों में धर्म लाभ एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयास करने पड़ते हैं, कलियुग में कथा सुनने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। सोया हुआ ज्ञान वैराग्य कथा श्रवण से जाग्रत हो जाता है। कथा कल्पवृक्ष के समान है, जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है।

भागवत पुराण हिन्दुओं के अट्ठारह पुराणों में से एक है। इसे श्रीमद् भागवत या केवल भागवतम् भी कहते हैं। इसका मुख्य  विषय भक्ति योग है, जिसमें श्रीकृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है। इस पुराण में रस भाव की भक्ति का निरूपण भी किया गया है। भगवान की विभिन्न कथाओं का सार श्रीमद्भागवत मोक्ष दायिनी है। इसके श्रवण से परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हुई और कलियुग में आज भी इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिलते हैं।श्रीमदभागवत कथा सुनने से प्राणी को मुक्ति प्राप्त होती है। कथा के दौरान सिलवानी बेगमगंज क्षेत्र के जनप्रिय विधायक ठा. रामपाल सिंह राजपूत के ज्येष्ठ सुपुत्र ठा. दुर्गेश प्रताप सिंह  पहुंचे और कथा श्रवण करने के उपरांत  कथा वाचक  पूज्य देवी साक्षी जी एवं देवी निधि जी को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत कर आशीर्वाद लिया तथा क्षेत्र एवं प्रदेश की खुशहाली के लिए कामना की।


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