भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सामान्यत: राज्य के बजट और आर्थिक सर्वेक्षण को अर्थशास्त्री और विशेषज्ञों का विषय माना जाता है। हमने पिछले साल से राज्य का बजट बनाने में जनता के सुझावों को शामिल करना आरंभ किया। इस वर्ष 4 हजार से अधिक सुझाव प्राप्त हुए, जिनमें से अधिकांश को राज्य के बजट में शामिल किया गया है। अब बजट का क्रियान्वयन भी जन-भागीदारी के साथ करने के उद्देश्य से आर्थिक सर्वेक्षण और बजट पर जन-संवाद किया गया है। मैं चाहता हूँ कि ग्राम सभाओं में भी बजट पर चर्चा हो। प्रदेशवासी बजट को समझें और उसके क्रियान्वयन तथा आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में अपना योगदान दें। मुख्यमंत्री श्री चौहान मध्यप्रदेश आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23, राज्य बजट 2023-24, सरकार की योजनाओं और उनके संभावित लाभों के संबंध में समाज के विभिन्न वर्ग, लाभार्थी और हितधारकों से संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। अटल बिहारी वाजपेई सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान तथा मध्यप्रदेश राज्य नीति एवं योजना आयोग द्वारा कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में संवाद श्रंखला का यह पहला कार्यक्रम है। प्रदेश के सभी संभागों में भी संवाद कार्यक्रम होंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण के तथ्य तेजी से बढ़ते मध्यप्रदेश की तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। कृषि, ग्रामीण विकास, उद्योग एवं व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास सहित गरीब कल्याण के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश का प्रदर्शन अच्छा रहा है। आर्थिक सर्वेक्षण से स्पष्ट होता है कि सही दिशा में दूरदर्शी सोच के साथ प्रयास किए जाएँ तो कठिनाइयों को भी कामयाबी में बदला जा सकता है। प्रदेश की आर्थिक वृद्धि दर 16.43 प्रतिशत हो गई है। यह वर्ष 2001-02 में 4.43 प्रतिशत थी। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 13 लाख 22 हजार 821 करोड़ रूपये अनुमानित है, जो वर्ष 2001-02 में 71 हजार 594 करोड़ था। यह 18 गुना प्रगति प्रदेश के लिए चमत्कार है। प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2001-02 में 11 हजार 718 रूपये थी, जो वर्ष 2011-12 में 38 हजार 497 हुई और वर्ष 2022-23 में इसके एक लाख 40 हजार 583 रूपये होने का अनुमान है। हम इस प्रगति से अभी संतुष्ट नहीं है, प्रदेश को और भी आगे ले जाना है।