भोपाल। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि जन-औषधियों के उपयोग को निरंतर व्यवहार में लाने में ही उसकी सार्थकता है। उन्होंने कहा कि जन-औषधियाँ सस्ती और अच्छी होती हैं। यह संदेश घर-घर पहुँचाने में ही जन-औषधि दिवस की सफलता है। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि जन-औषधि दिवस को जन-औषधि का उपयोग करने के संकल्प दिवस के रूप में मनाएँ। स्वयं उपयोग करने की प्रतिबद्धता के साथ ही दूसरों को भी औषधि की गुणवत्ता के बारे में बताते हुए उपयोग के लिए प्रेरित करें। राज्यपाल श्री पटेल मंगलवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ऑडिटोरियम में जन-औषधि दिवस समारोह में शामिल हुए।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गुजरात मुख्य मंत्रित्व के 14 वर्षीय कार्यकाल में वे उनके सहयोगी रहे हैं। मेरा अनुभव है कि आमजन के लिए उज्ज्वला योजना, स्वच्छता मिशन और जन-औषधि योजना जैसी अनेक योजनाएँ प्रधानमंत्री श्री मोदी के दिल से निकली हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने टी.बी. रोग को वर्ष 2025 तक निर्मूल करने का संकल्प लिया है। साथ ही वे फाइलेरिया, थैलेसीमिया जैसे रोगों को समाप्त करने का प्रयास भी कर रहे हैं।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के विज़नरी नेतृत्व में स्वस्थ भारत, सबल भारत के लिए सुरक्षित, व्यापक, सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाओं के लिए किए गए कार्यों की श्रृंखला में जन-औषधि केंद्र की पहल विशिष्ट है। दवा का पर्चा हाथ में आने के बाद लोगों के मन में आशंका होती थी कि पता नहीं कितना पैसा दवा खरीदने में खर्च होगा। जन-औषधि से यह चिंता दूर हुई है। आज देश में चल रहे 9 हजार से ज्यादा जन-औषधि केंद्र सामान्य जन के लिए समाधान केंद्र बन रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी सबके लिए स्वास्थ्य के संकल्प के प्रति प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने सबके लिए उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता के अनेक कार्य किए हैं।