भोपाल। संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा है कि रामचरित मानस भारतीय आध्यात्म की रीढ़ है। सर्वोच्च सामाजिक-पारिवारिक व्यवस्थाएँ और उच्च नैतिक मूल्यों का जीवन भारतीय सनातन की पावन परंपराओं का पालन करते हुए ही संभव है। मंत्री सुश्री ठाकुर तुलसी मानस प्रतिष्ठान में आनंद के धाम जय श्रीराम अर्थात संत तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस के अयोध्या कांड पर केन्द्रित प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम घोषित कर रही थी। प्रतियोगिता, तुलसी मानस प्रतिष्ठान, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, संस्कृति एवं पर्यटन और स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा की गई। मंत्री सुश्री ठाकुर ने कहा कि परीक्षा में 172 परीक्षार्थी सफल हुए हैं। इनमें नागरिक श्रेणी से 138 और विद्यार्थी श्रेणी से 34 हैं। सफल परीक्षार्थियों को भोपाल से लखनऊ हवाई जहाज से और लखनऊ से अयोध्या तक बस से ले जाया एवं लाया जाएगा। विजेताओं को 40-40 के समूह में अयोध्या स्थित रामलला के दर्शन भी कराए जाएंगे। यात्रा 27 अप्रैल के बाद प्रारंभ होगी।
मंत्री श्री ठाकुर ने कहा कि रामचरित मानस में भारतीय सनातन परंपरा आज भी जीवित है। इसका अनुपालन वर्तमान और भावी पीढ़ी को करना चाहिए। इस पावन उद्देश्य को लेकर यह प्रतियोगिता की गई थी। परीक्षा ऑनलाइन पद्धति से प्रदेशवासियों के लिए की गई, जिसमें कक्षा 9 से 12वीं तक के स्कूली छात्र और नागरिकों ने भाग लिया।
तुलसी मानस प्रतिष्ठान के कार्य अध्यक्ष श्री रघुनंदन शर्मा ने बताया कि प्रतियोगिता 10 अक्टूबर 2022 को ऑनलाइन की गई थी। परीक्षा में नागरिक श्रेणी में आयु सीमा का बंधन नहीं था। परीक्षा में कुल 25 हजार 448 परीक्षार्थियों ने फॉर्म भरे और 22 हजार 852 परीक्षार्थी शामिल हुए।