महाराष्ट्र बैंक प्रबंधन के खिलाफ कर्मचारियों ने की नारेबाजी
भोपाल। बैंक प्रबंधन के खिलाफ बैंक आॅफ महाराष्ट्र में दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते मध्यप्रदेश में भी बैंक शाखाओं में काम काज नहीं हुआ। राजधानी में बैंक के अरेरा हिल्स स्थित जोनल कार्यालय के सामने कर्मचारियों ने प्रदर्शन करके नारेबाजी की।
इस मौके पर यूनाइटेड फोरम आॅफ महाबैंक यूनियंस के विरेंद्र कुमार शर्मा, अशोक पंचोली, संजीव सबलोक, दीपक रत्न शर्मा, किशन खैराजानी, एमएस जयशंकर, गजेन्द्र पड़हार, मनीष जैन, कैलाश माखीजानी, प्रभात खरे, जेपी दुबे, रोहित हसनानी, राहुल शर्मा, गोवर्धन मिश्रा, सितांशु शेखर, सत्येन्द्र चैरसिया, हरीसिंह सिंह दालोलिया, भगवान स्वरूप कुशवाह, जेड़ी मलिक, श्रीपाद केशव घोटनकर, बीएल पुष्पद, प्रदीप कटारिया, अवध वर्मा आदि ने सम्बोधित किया। इनका कहना था कि राष्ट्रव्यापी हड़ताल के पहले दिन भोपाल सहित सम्पूर्ण देश में 2200 शाखाओं के लगभग 13000 बैंक कर्मी हड़ताल पर रहे। प्रदर्शनकारियों ने बैंक आॅफ महाराष्ट्र के उच्च प्रबंधन की तानाशाही, बैंक के कर्मचारी-अधिकारियों और ट्रेड यूनियन विरोधी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की। इनका कहना था कि सरकार के जन, धन, जीवन सुरक्षा, जीवन ज्योति, अटल पेंशन, मुद्रा, स्वनिधि, फसल ऋण, फसल बीमा जैसे कई प्रकार की सरकारी योजना, व्यवसाय को जिम्मेदारियां बैंकों को दी गई है। नतीजे में काउंटरों पर काम के बोझ में बढोतरी होती जा रही है। ग्राहक सेवा पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
यह हैं हडताली बैंक कर्मियों की मांगें
- पर्याप्त संख्या में अधिकारी, कर्मचारी, चपरासी एवं सफाई कर्मचारियों की भर्ती की जाए।
- कार्य के दबाव में तनावग्रस्त बैंक कर्मियों को कार्य समय एवं जीवन को संतुलित बनाया जाए।
- द्विपक्षीय समझौतों का पालन करके प्रताड़ना एवं स्थानांतरणों पर रोक लगाई जावे।