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महिलाओं के प्रति भेदभाव के नजरिए में बदलाव के लिए चिकित्सक आगे आएँ : राज्यपाल पटेल

भोपाल। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने चिकित्सकों से कहा है कि महिलाओं के प्रति भेदभाव के समाज के नज़रिए में बदलाव के प्रयास में सहयोग करें। इनफर्टिलिटी की समस्या के लिए महिलाओं को दोषी मानने की भ्रामक अवधारणा का खंडन आगे बढ़ कर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज के वंचित, पिछड़े समुदाय और क्षेत्रों तक समान चिकित्सा सुविधाएँ पहुँचाने के प्रयास में चिकित्सक संगठनों का सहयोग ज़रूरी है। चिकित्सक संगठन समाज की सेवा भावना के साथ समर्पित प्रयासों से समाज के वंचित क्षेत्र और समुदाय में चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। राज्यपाल श्री पटेल आज इंडियन सोसाइटी ऑफ़ असिस्टेड रिप्रोडक्शन की 27वीं वार्षिक कॉन्‍फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में केबिनेट की प्रथम बैठक का पहला एजेंडा 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' रखा था। उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण के नए वातावरण का निर्माण किया है। आवश्यकता उनके प्रयासों में सहयोग देने की है। राज्यपाल ने गरीब एवं ज़रूरतमंद निःसंतान दम्पत्तियों की सहायता, परिवार कल्याण और प्रजनन विज्ञान के विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन के लिए सभी मेडिकल विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और सामाजिक संस्थाओं के साथ मिल कर कार्य करने के लिए आई.एस.ए.आर. के प्रयासों की सराहना की।

फेडरेशन ऑफ ऑब्स्टेट्रिक एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. ऋषिकेष पई ने कहा कि स्वस्थ नारी, सुखी नारी के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के एकीकरण, समानता और तकनीकी गतिशीलता के प्रयास की ज़रुरत है। इंडियन सोसाइटी ऑफ़ असिस्टेड रिप्रोडक्शन की अध्यक्ष डॉ नंदिता पलशेटकर ने कहा कि संतान हर व्यक्ति का अधिकार है। संतान की ख़ुशी देने के लिए मानवता की सेवा के जज्बे के साथ प्रयास ज़रूरी हैं। संस्था की सचिव डॉ. सुजाता कर ने संस्था की प्रगति का विवरण दिया। उन्होंने बताया कि संस्था द्वारा न्यूज़ लेटर कार्यशाला, सेमीनार और ऑनलाइन अंतर्राष्ट्रीय सेमीनार किए गए हैं।

राज्यपाल श्री पटेल ने कॉन्फ्रेन्स में 11 चिकित्सक को विभिन्न क्षेत्रों में योगदान के लिए संस्था की ओर से सम्मानित किया। सम्मानित चिकित्सकों में डॉ. नंदिता पलशेटकर, डॉ. ऋषिकेष पई, डॉ. एम.एस. श्रीनिवास, डॉ. नरेन्द्र मल्होत्रा, डॉ. पी.सी. महापात्र, डॉ. रचना दुबे, डॉ. आर.जी. पटेल, डॉ. नितिन मुर्डिया, डॉ. गरिमा शर्मा, डॉ. नौशीन अशरफ और डॉ. संतोष जेना शामिल थे।

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