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बदलाव लाई है लाड़ली लक्ष्मी योजना - मुख्यमंत्री चौहान

भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है‍कि लाड़ली लक्ष्मी योजना प्रदेश की बेटियों के जीवन में बदलाव लाने वाली योजना सिद्ध हुई है। योजना के क्रियान्वयन से सिर्फ बेटियों को छात्रवृत्ति राशि ही नहीं मिली बल्कि उनके सशक्तिकरण का नया युग प्रारंभ हुआ है। योजना के विस्तार से अब लाड़ली लक्ष्मी 2.0 में उच्च शिक्षा के लिए फीस भरने का कार्य भी सरकार करेगी। लाड़ली लक्ष्मी योजना के बाद अब लाड़ली बहना योजना में गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार की महिलाएँ एक-एक हजार रूपए प्रतिमाह की राशि प्राप्त करेंगी। बालिकाओं और बहनों को सशक्त बना कर पर्यावरण-संरक्षण, नशामुक्ति और अन्य सामाजिक अभियानों में उनकी भागीदारी से उन्हें नेतृत्व करने की भूमिका में लाने का प्रयास किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में प्रदेश की लाड़ली लक्ष्मी बेटियों के खातों में छात्रवृत्ति राशि का अंतरण कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सिंगल क्लिक से 3 लाख 33 हजार 842 लाड़ली लक्ष्मी बालिकाओं के लिए 107 करोड़ 67 लाख रूपये की छात्रवृत्ति राशि अंतरित की। राज्य स्तरीय कार्यक्रम में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए 5 लाड़ली लक्ष्मी बालिकाओं को पुरस्कार भी दिए गए। कार्यक्रम में भोपाल महापौर श्रीमती मालती राय उपस्थित थी। कार्यक्रम का प्रसारण वेबकास्ट और अन्य माध्यमों से संपूर्ण प्रदेश में किया गया। विभिन्न जिलों में पंचायत और आँगनवाड़ी केन्द्रों में भी बहनें और बेटियाँ इस कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़ी।

प्रदेश में 44 लाख से अधिक लाड़ली लक्ष्मी बेटियाँ हैं। गत 16 वर्ष में योजना की वर्ष-दर-वर्ष हुई प्रगति और बढ़ते महत्व की जानकारी भी कार्यक्रम में दी गई। मुख्यमंत्री ने कक्षा 6, 9, 11 एवं 12 में अध्ययरत सवा 3 लाख से अधिक बालिकाओं को छात्रवृत्ति राशि का डिजिटल वितरण किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वर्ष 2007 में प्रारंभ की गई लाड़ली लक्ष्मी योजना ने बालिकाओं के जीवन में परिवर्तन लाने का कार्य किया है। योजना के लागू होने से समाज की मनोवृत्ति में भी सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिला है। बेटियों के जन्म को भी प्रोत्साहन मिला है। बाल विवाह जैसी कुरीतियों पर नियंत्रण हुआ है। शिक्षा में बालिकाओं की भागीदारी बढ़ी है। परिवार में जन्म लेने वाली बेटियों का विद्यालयों में शत-प्रतिशत नामांकन भी होने लगा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उन्हें विधायक बनने के पूर्व एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बेटियों के पक्ष में भाषण देने पर एक बुजुर्ग महिला से ये चुनौती मिली थी कि क्या आप परिवार की बालिकाओं के विवाह का प्रबंध करेंगे। इस घटना ने लाड़ली लक्ष्मी योजना की भावभूमि तैयार की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पहले परिवार में बेटे और बेटी के जन्म के समय ही भेदभाव देखने को मिलता था, तो कष्ट होता था। उन्होंने वर्ष 1990 में विधायक, वर्ष 1991 में सांसद और वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री बनने के बाद बालिकाओं के कल्याण के लिए निरंतर प्रयास बढ़ाते हुए आज बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता देने का कार्य प्रारंभ किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बेटियों को बोझ न रहने देने के संकल्प की पूर्ति में प्रारंभ में दिक्कतें भी आयी। राज्य सरकार द्वारा बजट की व्यवस्था और लाड़ली लक्ष्मी योजना को पढ़ाई से जोड़ कर क्रियान्वित किए जाने से बालिकाओं का आत्म-विश्वास बढ़ा है। यही वजह है कि आज शिक्षा के साथ बालिकाओं ने खेल और संस्कृति के क्षेत्र के अलावा अन्य गतिविधियों में भागीदारी के उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। इनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

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