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श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन उमड़ी भीड़

बेगमगंज। कंजी कुआं स्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर परिसर गौरीपुर में शेर सिंह जाट एवं जाट परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण के छठवें दिन गुरुवार को कथावाचक आचार्य जितेंद्र चौबे जटाशंकर धाम  ने कहा कि श्रीमद भागवत कथा पुराण सुनने से मानव का लोक परलोक दोनों बन जाता है। बिना भगवान के कृपा के भागवत पुराण कथा कराने एवं सुनने का सौभाग्य नही मिलता है। जो लोग भगवान की कथा सुनकर भाव विभोर होकर अश्रु गिराते है, वह फूल बनकर ईश्वर के चरणों मे चढ़ जाता है। उन्होंने बताया अगर आप अपने मन मे हर समय ये विचार रखते हैं कि भगवान आपको ही देख रहे हैं तो आपका मन मलिन नहीं होगा और पाप भी नहीं होंगे। भगवान से केवल संसार को मांगने के लिए ही न याद करें अपितु उनसे उन्हें ही मांगे, उनकी भक्ति ही मांगे और जो कुछ आपको प्राप्त है उसके लिए उनका आभार भी व्यक्त करें। आप जैसे भी हैं अच्छे-बुरे, क्रोधी-लोभी, सकारात्मक-नकारात्मक सच्चे मन से प्रभु की शरण मे ग्रहण करें। ईश्वर अवश्य ही आप पर कृपा करेंगे।कथा के अनेकानेक ज्ञानवर्धक प्रसंगों के साथ श्री चौबे ने मधुर वाणी में भजनों पर सभी भक्तजन झूमते नजर आए और पूरा पांडाल कृष्णभक्ति एवं जयकरों से गूंज उठा।

श्रीमद् भागवत कथा में प्रस्तुत झांकी

उन्होंने भगवान की अनेक लीलाओं में श्रेष्ठतम लीला रास लीला का वर्णन करते हुए बताया कि रास तो जीव का शिव के मिलन की कथा है। यह काम को बढ़ाने की नहीं काम पर विजय प्राप्त करने की कथा है। इस कथा में कामदेव ने भगवान पर खुले मैदान में अपने पूर्व सामर्थ्य के साथ आक्रमण किया है लेकिन वह भगवान को पराजित नही कर पाया उसे ही परास्त होना पड़ा है रास लीला में जीव का शंका करना या काम को देखना ही पाप है गोपी गीत पर बोलते हुए व्यास ने कहा जब तब जीव में अभिमान आता है भगवान उनसे दूर हो जाता है लेकिन जब कोई भगवान को न पाकर विरह में होता है तो श्रीकृष्ण उस पर अनुग्रह करते है उसे दर्शन देते है। भगवान श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग की कथा पर लोग भावविभोर हो गए और इस अवसर पर सजीव झांकी का चित्रण प्रस्तुत किया गया जिसे सभी ने सराहा। 


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