बेगमगंज। ग्राम पंचायत ध्वाज में हुए भ्रष्टाचार की सीएम हेल्पलाईन पर शिकायत करने पर शिकायत कर्ताओं को प्रताडित करने एवं शिकायतो को बिना जांच पूरी किए शिकायत कर्ता की सहमती प्राप्त किए बिना बंद किए जाने को लेकर ग्राम कि लोगों ने कलेक्टर के नाम का ज्ञापन एसडीएम अभिषेक चौरसिया को सौंपकर मामले की जांच कर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की है।
ज्ञापन सौंपते हुए |
ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि ग्राम पंचायत ध्वाज में सरपंच सचिव सहायक सचिव द्वारा पंचायत के खेत तलाब योजना अंतर्गत, पंचायत के पात्र हित ग्राहियों को छोड़ कर, मिली भगत से अपात्र हितग्राहियों ध्वाज निवासी महेन्द्र कुमार लोधी, कन्हैया लाल लोधी नि. जमुनिया जो की पूर्व व वर्तमान सरपंच के परिवार के है, उनके लिए स्वयं की निजी भूमि में तलाब स्वीकृत किए गए। उक्त दोनो तलाब दोनों हित ग्राहीयो द्वारा अपनी कृषी भूमियों में खुदवाए ही नहीं गए ओर राशी आहरित कर ली गई है। शिकायत होने पर जांचकर्ताओ द्वारा, हल्का पटवारी से उक्त दोनों हितग्राहीयो की भूमि पर तलाब खुदे होने वावद जांच कराने पर हल्का पटवारी द्वारा भी अपने प्रतिवेदन में उक्त दोनो हितग्राहीयों की भूमि पर कोई तलाब खुदा नहीं होना प्रतिवेदित किया गया है।
सरपंच, सचिव, सहायक सचिव द्वारा वर्णित हितग्राहीयों के तलाब जिस भूमि पर खुदे होना बताया जाकर, जो कागजात उक्त तलाब बावत हितग्राहीयों की फाइल में लगाए गए है, उस भूमि पर भी हित ग्राहियों द्वारा कोई तलाब निमार्ण न किया जाकर, जो गढढे तलाब के नाम पर सरपंच सचिव सहायक सचिव बता रहें है, वह शासकीय भूमि होकर सडक निमार्ण हेतू ठेकेदार द्वारा मिटटी उत्खन्न के गढढे होना आरोपित किया गया है।
सरपंच सचिव सहायक सचिव व हितग्राहीयों के इस भ्रष्टाचार की शिकायत पंचायत के नागरिको द्वारा समय समय पर सबंधित अधिकारियों को की जाती रही किन्तु कोई कार्यवाही न होने पर 181 सीएम हेल्पलाईन पर की गई। उक्त शिकायतो की जांच आने के बाद भी शिकायत कर्ताओं को सूचना दिए बिना जांच में लीपापोती कर जांच समाप्त कर दी जाती है।
ज्ञापन में आईडी आरोप लगाया गया है कि उक्त भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने हेतू शिकायतकर्ता के विरूद्ध सरपंच सचिव सहायक सचिव द्वारा एक राय होकर, पुलिस थाने में एक रिपोर्ट की जाकर शिकायत कर्ता को तरह तरह से प्रताडित किया जा रहा है। जो हम पंचायत वासीयों को अस्वीकार होकर हमारे मौलिक अधिकारो पर कुठाराघात है। खुले हुए भ्रष्टाचार के बाद भी शिकायत कार्ताओ को प्रताडित किया जाना, यह स्पष्ट करता है, की उन्हे राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है।
ज्ञापन में मांग की गई है कि उक्त भ्रष्टाचार की तत्काल जांच की कराई जाकर सरपंच सचिव सहायक सचिव द्वारा अपने भ्रष्टाचार को दबाने के लिए शिकायत कर्ता को प्रताडित करने का जो अपराधिक कृत्य किया है, उनके विरूद्ध भ्रष्टाचार के साथ साथ प्रताडना दिए जाने का अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाए यदि उक्त भ्रष्टाचार की जांच 15 दिवस के अंदर पूर्ण कर दोषीयों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गयी तो हम पंचायत निवासी धरना आंदोलन हेतू विवश होगें, जिसकी जबाबदेही शासन प्रशासन की होगी। ज्ञापन के साथ सरपंच सचिव सहायक सचिव द्वारा पुलिस थाने में की गयी रिपोर्ट की प्रति,
कार्यपालन यंत्री द्वारा मंगाई हल्का पटवारी की रिपोर्ट, पंचनामा आदि भी संलग्न किया गया है। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से अमित दुबे, बसंत शर्मा, वृजेश लोधी, अवधेश द्ववेदी, राकेश गोलू, कपिल मिश्रा, अनिल दुबे, राजपति, सुदर्शन, कोमल चंद, आदि अनेकों लोग शामिल हैं।