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ग्राम तिन्सुआ में विश्व कैंसर दिवस पर कार्यक्रम आयोजित

बेगमगंज। विश्व कैंसर दिवस पर  द कैथोलिक हेल्थ एसोसिएशन मध्य प्रदेश के द्वारा  ग्राम तिन्सुआ तथा हिनोतिया बमनई  में केंसर शिविर का आयोजन किया गया। दोनों ही ग्रामों में काफी संख्या में  ग्रामवासी शामिल  हुए शिविर में केंसर जैसी खतरनाक बीमारी के बारे में बताया गया और बीमारी से बचाव के उपाय भी बताए गए।

विश्व कैंसर स्वास्थ्य दिवस पर आयोजित कार्यक्रम

शिविर में  ब्लॉक लीडर  छोटू लोधी के द्वारा कैंसर के संबंध में बताया गया कि आज के समय में पूरा विश्‍व कोविड से डरा हुआ है। पिछले तीन साल से हर कोई इस खतरनाक वायरस से जूझ रहा है। बढ़ते प्रदूषण और बदलते पर्यावरण के कारण आए दिन, तरह-तरह की नई बीमारियां लोगों को अपना शिकार बना रही हैं, जिसके कारण वैज्ञानिकों में काफी डर बना हुआ है। इन्हीं खतरनाक बीमारियों में से एक बीमारी है कैंसर। इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष विश्व भर में 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस  मनाया जाता है। वर्ष 1933 में इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई थी। इस दिन दुनिया भर में कैंसर  के प्रति जागरुकता फैलाने और इसके संकेतों को लोगों तक पहुंचाने के लिए कई तरह के कार्यक्रम रखे जाते हैं, ताकि लोग सही समय पर इसकी पहचान कर सकें। कई लोगों में गलतफहमी होती हैं, कि कैंसर छूने से भी फैलता है, जिसके कारण लोग कैंसर के रोगियों से अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, बल्कि ये धारणा पूरी तरह गलत है। हमें इन मरीजों से भेदभाव करने की जगह उनका साथ देना चाहिए।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हर 10 में एक भारतीय को कैंसर होने की आशंका बनी रहती है और 2025 तक तो देश के 16 लाख लोग कैंसर का शिकार हो सकते हैं। जिसमें, सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर के मरीज होंगे। इस खतरनाक बीमारी में लगभग सो से ज्‍यादा प्रकार होते हैं। इनमें सबसे आम स्किन कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, लंग कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर, ब्लैडर कैंसर, मेलानोमा, लिम्फोमा, किडनी कैंसर हैं। महिलाओं में सबसे ज्‍यादा स्तन, कोलोरेक्टल, फेफड़े, सर्वाइकल, और थायराइड कैंसर होता है, वहीं, पुरुषों में फेफड़े, प्रोस्टेट, कोलोरेक्टल, पेट और लिवर का कैंसर सबसे ज्यादा पाया जाता है।

श्री लोधी ने बताया कि कैंसर होने के कई कारण होते हैं। हालांकि इनमें सबसे आम कारणों में धूम्रपान, तम्बाकू, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, खराब डाइट, एक्स-रे से निकली रेज, सूरज से निकलने वाली यूवी रेज, इंफेक्शन, फैमिली के जीन आदि होते हैं। उन्होंने लोगों से अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने नियमित व्यायाम करने और खानपान पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया।


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