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पहले गलत तरीके से कर दिए स्थानांतरण, अब अतिशेष का भय दिखाकर किया जा रहा परेशान: लोधी

बेगमगंज। शिक्षा विभाग द्वारा बीच शिक्षा सत्र में पहले थोक के भाव स्वैच्छिक स्थानांतरण कर ग्रामीण क्षेत्र की शालाओं को एक शिक्षकीय अथवा शिक्षक विहीन कर शिक्षकों को नगर की मनचाही शालाओं में पदस्थ कर दिया गया। अब उन्हें पुनः अतिशेष के नाम पर ऐन परीक्षा के मौके पर अतिशेष का भय दिखाया जा रहा है। जिस का विरोध करते हुए मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ जिला अध्यक्ष मान सिंह लोधी ने मांग की है कि परीक्षा से पहले किसी का स्थानांतरण नहीं किया जाए। पहले पोर्टल अपडेट किया जाए।

मान सिंह लोधी जिला अध्यक्ष मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ रायसेन

संघ का कहना है कि विभाग द्वारा ऑनलाइन तथा ऑफलाइन ट्रांसफर प्रक्रिया के माध्यम से सुविधाजनक विद्यालयों में बिना रिक्त पद के शिक्षकों की पदस्थापना की गई तथा संकुल प्राचार्यो पर भोपाल तथा जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर द्वारा अनावश्यक दबाब बनाकर उन स्थानांतरित शिक्षकों को जवाईनिंग दिला दी गई। अब जब दर्ज संख्या में मान से विद्यालयों में शिक्षक संख्या अधिक हो गई है तो पुनः विभाग द्वारा फरमान जारी कर अतिशेष के नाम पर जबरन शिक्षकों को परेशान किया जा रहा है।

प्रतिवर्ष एक शिक्षकीय तथा शिक्षक विहिन शालाओं का निमार्ण शिक्षा विभाग की गलत स्थानांतरण उद्योग के कारण होता है, फिर ऐसी शालाओं में शिक्षकों की पूर्ति के लिए पूरे शिक्षकीय अमले को पढ़ाई छोड़ मानसिक रूप से परेशान कर वसूली का अभियान प्रारंभ कर दिया जाता है। शिक्षा विभाग की इस अंधेरगर्दी तानाशाही के चलते शिक्षकों में भारी आक्रोश व्याप्त है।

एक शिक्षकीय माध्यमिक शाला में विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान के माध्यमिक शिक्षक को अतिशेष दिखाया जा रहा है। संघ का आरोप है कि विभाग विद्यालयों को शिक्षक विहीन कर रहा है यदि विभाग ने शिक्षकों को प्रताड़ित करने की मंशा बना ली है तो संघ इसका पुरजोर विरोध करेगा। मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष मान सिंह लोधी ने संघ की ओर से  मांग  कि है कि अतिशेष के पूर्व शिक्षा विभाग के सभी संवर्ग के शिक्षकों को उच्च पदों पर पदोन्नति अथवा पदनाम दिया जाए। जिससे अधिकांश अतिशेष शिक्षक समायोजित हो जाएंगे और बार-बार पदस्थापना से होने वाले अपव्यय एवं समय की बर्बादी भी नहीं होगी साथ ही 2010 से ई सेवा पुस्तिका अपडेट नहीं की गई है पुस्तक आएं संकुल केंद्रों पर उपलब्ध हैं उसके बावजूद शिक्षकों से जानकारी मांगी जा रही है वहां से जानकारी दें जबकि जानकारी संकुल केंद्र पर ही है वही पोर्टल भी अपडेट नहीं किया गया है जिसकी वजह से गलत जानकारी 10 साल पहले की वह दिखा रहा है पोर्टल को अपडेट कर विभाग के लिए उपयोगी बनाया जाना चाहिए। अभी तक शिक्षा विभाग की स्थापना का फार्मेट शत-प्रतिशत अपडेट नहीं हुआ है, शिक्षकों की सेवा-पुस्तिकाएं अपडेट नहीं हैं, पूरे प्रदेश में विषय सुधार के लिए शिक्षक जिला से लेकर संभागीय कार्यालयों में भटक रहा है, परन्तु उनमें भी शत-प्रतिशत सुधार नहीं हो पाया है। एजुकेशन पोर्टल की स्थिति यह है कि ऐसे विद्यालय जहां पर एक भी शिक्षक नहीं है, वहां एक भी पद रिक्त नहीं दिखा रहा है और जहां पर पर्याप्त शिक्षक हैं, वहां अभी भी रिक्त पद दिख रहे हैं। पोर्टल पर सही जानकारी अपडेट नहीं की गई है पोर्टल पर ही कई त्रुटियां है जिनका सुधार किया जाना आवश्यक है मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ ने चेतावनी दी है कि यदि पोर्टल को अपडेट किए बिना अतिशेष सूची के हिसाब से स्थानांतरित किए जाते हैं तो आंदोलन किया जाएगा।


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