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बरसों पुरानी गुमठियों को प्रशासन ने जेसीबी से तोड़ा

बेगमगंज। नगर के गांधी बाजार रोड पर बरसों पुरानी दो गुमठियों को प्रशासन द्वारा नोटिस देकर राजस्व नगरपालिका, पुलिस के अमले के साथ एसडीएम अभिषेक चौरसिया, तहसीलदार एवं नगर पालिका प्रभारी अधिकारी एनएस परमार, थाना प्रभारी राजपाल सिंह जादौन के मार्गदर्शन में जेसीबी से जमी दोज कर दिया गया दुकानदारों को सिर्फ सामान निकालने का ही मौका दिया प्रशासन की इस कार्रवाई से 2 लोग फिर बेरोजगार हो गए।

प्रशासन बरसों पुरानी गुमठियां हटवाता हुआ

बताया जा रहा है कि यहां पर नगर पालिका द्वारा पेशाब घर बनाया जाना प्रस्तावित है जिसको लेकर उक्त कार्रवाई की गई है। वही एक गुमटी की जगह को पूर्व में लीज पर भी लिया जाना बताया गया है जिसकी लीज समाप्त हो गई थी।

एक गुमटी में तय्यूब खान टार्च आदि सुधार कर परिवार का पालन पोषण करते थे दूसरे में मनिहारी की दुकान थी उक्त दुकान अब्दुस्सलाम की बताई जा रही है जो किराए पर कोई अन्य व्यक्ति लिए हुए था इसकी लीज समाप्त होना बताया गया है।

जन चर्चा है कि उक्त गुमठियां सत्ता पक्ष के कुछ नेताओं के कहने पर हटाई गई हैं मोहल्ले के लोगों ने उन्हें हटाने के लिए कोई शिकायत नहीं की उनमें से एक गुमठी तो करीब 50 साल से भी अधिक समय से स्थापित होना बताया गया है दूसरी करीब 40 साल पुरानी बताई जा रही है।

उक्त जगह पर मूत्रालय बनाना प्रस्तावित बताया जा रहा है जबकि आसपास दो तरफ रहवासी मकान और दुकाने  है और दो तरफ सड़क है जहां महिला पुरुष बच्चों का आवागमन भी अधिक होता है मूत्रालय बनने से वहां के रहवासियों आसपास के दुकानदारों को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा जिसको लेकर विरोध के स्वर भी तेज होने लगे हैं।

उल्लेखनीय है कि प्रशासन ने बस स्टैंड, दशहरा मैदान, तहसील के सामने पुराना बस स्टैंड, सागर रोड, आदि स्थानों से जब भी अतिक्रमण हटाया है लोग बेरोजगार हुए हैं उनके लिए व्यवसाय स्थापित कराने की तरफ अभी तक प्रशासन ने कोई पहल नहीं की है शहर को खूबसूरत बनाने के लिए तो कभी रोड चौड़ीकरण के नाम पर गुमिया हटाई जरूर गई कई लोगों का व्यवसाय बंद हो गया लेकिन सड़क चौड़ीकरण  का फायदा आज तक लोगों को नहीं मिल पाया है मुख्य मार्ग पर फोरलैन  सड़क बनने के बाद भी मार्ग सकरा नजर आता है क्योंकि दुकानों के सामने दो पहिया चार पहिया वाहन जो खड़े रहते हैं। वही फोरलेन के साथ बनाई गई नालियां जगह छोड़कर बनाई जाने से लोग अब नालियों तक पक्के निर्माण करके जगह को और अधिक सकरा करने पर तुल गए जिस पर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। शिकायत पर प्रशासन एमपीआरडीसी के अधिकारियों का बहाना लेता है कि सड़क तो एमपीआरडीसी की है यदि वह कार्रवाई का कहेंगे तो हम कार्रवाई करेंगे।

नगर के जागरूक नागरिकों ने कलेक्टर अरविंद दुबे सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मांग की है कि अतिक्रमण तो हटाए जाएं लेकिन पहले लोगों को रोजगार स्थापित करने के लिए जगह भी उपलब्ध कराई जाए जिससे गरीब छोटा-मोटा व्यापार कर अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें।


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