भोपाल। केन्द्रीय बजट 2023-24 अमृतकाल का सबसे महत्वाकांक्षी बजट है। इससे मध्यप्रदेश को विभिन्न सेक्टर में कार्य करने के बेहतर अवसर मिलेंगे। विभिन्न वक्ताओं ने यह विचार अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में केन्द्रीय बजट 2023-24 पर हुई विश्लेषणात्मक परिचर्चा में व्यक्त किये।
सदस्य सचिव राज्य नीति एवं योजना आयोग श्री स्वतंत्र कुमार सिंह ने कहा कि केन्द्रीय बजट में प्रदेश की आकांक्षाएँ रिफलेक्ट हो रही हैं। बजट में कृषि, उद्योग, शहरी और ग्रामीण इन्फ्रा-स्ट्रक्चर के विकास के लिए किए गए विशेष बजट प्रावधानों का मध्यप्रदेश को भरपूर लाभ मिलेगा। नये नर्सिंग कॉलेज, एकलव्य विद्यालय खुलने के साथ ही एयरपोर्ट भी बनाये जायेंगे।
नाबार्ड के सीजीएम श्री निरूपम मेहरोत्रा ने "इंफ्रा-स्ट्रक्चर एण्ड इटस फाइनेंसिंग’’ पर बोलते हुए कहा कि बजट में वास्तव में देश के सर्वांगीण विकास की नींव रखी गयी है। ग्रामीण क्षेत्र में अधो-संरचना का विकास होने पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। श्री मेहरोत्रा ने बताया कि वर्ष 2028 तक एक ट्रिलियन डिजिटल इकॉनामी का लक्ष्य है। कृषि और उद्यानिकी सेक्टर को बढ़ाना होगा।
सी.आई.आई. के डायरेक्टर श्री मिहिर मर्चेंट ने "इम्पेक्ट ऑफ इंडस्ट्री एण्ड एमएसएमई, ट्रेडस फॉर द स्टेट" पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि बजट में स्टार्टअप और आंत्रप्रेन्योर को प्रोत्साहन मिलेगा। रेलवे की जरूरी सामग्रियों के निर्माण के लिए अधो-संरचना विकसित करने के लिए भोपाल में अनुकूल परिस्थितियाँ हैं। बायो एनर्जी, गोवर्धन योजना, ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में मध्यप्रदेश बेहतर कार्य कर सकता है। पीपीपी मॉडल में कार्यों को गति मिलेगी।
चार्टर्ड एकांउटेंट श्री अमित जैन ने "टैक्स स्ट्रक्चर एण्ड चेंजेज" पर बोलते हुए कहा कि यह ग्रोथ बजट है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य आयकर में कटौती और छूट को खत्म करना है। बजट में सभी आय वर्ग के लोगों को सहूलियत देने का प्रयास किया गया है।
सुशासन संस्थान के प्रमुख सलाहकार श्री राहुल चौधरी ने बजट के मुख्य बिंदुओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारतीय अर्थ-व्यवस्था विश्व की छठवीं अर्थ-व्यवस्था है, जो वर्ष 2028 तक तीसरी बड़ी अर्थ-व्यवस्था हो जायेगी। बजट में "इंडिक सेंट्रिक ग्रोथ मॉडल" पर जोर दिया गया है। इनहैण्ड आय बढ़ाने के प्रावधान किए गए हैं।