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हेल्पर की मौत पर मचा बवाल बिजली घर के सामने शव रख कर किया चक्का जाम

करीब 1 घंटे बाद परिवार के एक सदस्य को कुशल श्रमिक की नौकरी और चार लाख के मुआवजे के आश्वासन पर हुआ जाम समाप्त

स्थानीय बिजली अधिकारियों से चर्चा करते मृतक के परिजन

बेगमगंज। गत 5 नवंबर को ग्राम वीरपुर निवासी रंजीत सिंह पुत्र तखत सिंह 27 वर्ष जो लाइन हेल्पर था बिजोरा गांव के नाले के पास परमिट पर बिजली फाल्ट सुधारते समय किसी के द्वारा सप्लाई चालू कर देने से करंट लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया था। जिसे सिविल अस्पताल मैं प्राथमिक उपचार के बाद जिला चिकित्सालय और वहां से हमीदिया अस्पताल भोपाल रेफर किया गया था। लेकिन हालत सही नहीं होने पर उसे प्राइवेट पालीवाल नर्सिंग होम में दिखाया गया जहां इलाज के दौरान एक हाथ को डॉक्टर द्वारा ऑपरेशन करके काट दिया गया था। फिर भी स्वास्थ्य लाभ नहीं मिलने पर एम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया करीब 2 महीने तक चले इलाज के बाद गत रात्रि में मौत हो गई इस दौरान बिजली कंपनी द्वारा हेल्पर की कोई भी पूछ परख यह कहकर नहीं की गई कि वह बिजली कंपनी का कर्मचारी नहीं है उसके पास जो भी कागजात थे वह बिजली कंपनी के अधिकारियों द्वारा पहले ही ले लिए गए थे।

सड़क पर जाम लगाए हुए

जैसे ही मृतक का शव एक वाहन से भोपाल से बेगमगंज लाया गया   परिजनों और गांव के लोगों द्वारा मुआवजे की मांग को लेकर विद्युत कंपनी के परिसर में हंगामा किया गया बिजली कंपनी के अधिकारियों द्वारा उसे अपना कर्मचारी ना मानते हुए मुआवजा देने से मना किया गया जिस पर हंगामा करते हुए लोगों ने मुख्य सागर भोपाल मार्ग पर शव वाहन को और अन्य वाहनों को आड़ा खड़ा करके जाम लगा दिया पुलिस प्रशासन भारी संख्या में वहां मौजूद रहा लेकिन आंदोलनकारी अपनी मांग पर अड़े रहे कि परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए और मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया जाए उसकी एक छोटी ढाई साल की बच्ची है और दूसरी डिलीवरी के लिए डॉक्टरों ने 6 जनवरी का समय दिया है रंजीत सिंह की मौत से परिवार पर विपत्ति के बादल फट पड़े हैं। जाम के दौरान एक एंबुलेंस के आ जाने पर उसे तो रास्ता आंदोलनकारियों द्वारा दिया गया लेकिन दोपहिया वाहनों को भी निकलने का रास्ता नहीं दिया गया।  थाना प्रभारी राजपाल सिंह जादौन और बिजली कंपनी के डीजीएम राजेश  दुषात के द्वारा जाम कर रहे लोगों को समझाएं देने की भरसक प्रयास किए गए लेकिन वह अपनी मांग पर अड़े रहे। जाम को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने काफी दूर पर ही वाहनों को रोकना शुरू कर दिया गया था जिससे दोनों और लंबी लंबी लाइनें लग गई जाम करीब 1 घंटे से अधिक समय तक चला इस दौरान कुछ लोगों ने मध्यस्था की एवं अधिकारियों की समझाइश  पर मृतक के परिजन अधिकारियों से बात करने को तैयार हुए और बिजली कंपनी के डीजीएम राजेश दुषात के लिखित आश्वासन कि मृतक के परिवार के एक सदस्य को कुशल श्रमिक की नौकरी बिजली कंपनी में और परिजनों को चार लाख का मुआवजा एक माह के अंदर प्रदान किया जाएगा इस आश्वासन पर जाम समाप्त कर परिजन और ग्रामीण शव को लेकर ग्राम वीरपुर की ओर रवाना हो गए ताकि उसका अंतिम संस्कार किया जा सके।

5 मिनट तक की ढाई साल की बच्ची जो अनाथ हो गई

इस संबंध में बिजली कंपनी के डीजीएम राजेश दुषात का कहना है कि रंजीत सिंह लाइन का फाल्ट सुधारते समय घायल हो गया था उसके परिजनों को 1 माह के अंदर 4 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को कुशल श्रमिक की नौकरी दी जाएगी।

लिखित में जो आश्वासन दिया है उसकी कॉपी




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