भोपाल। पर्यावरण विभाग ने केन्द्रित पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन द्वारा जारी मार्ग दर्शिका के अनुसार भारत में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के कम करने के लक्ष्यों पर त्वरित गति से कार्य-योजना बनाकर अनुमोदन के लिए केन्द्र सरकार को भेजी है। कार्य-योजना वर्ष 2030 तक की समयावधि के लिए तैयार की गई है। इसमें 103 रणनीति और 406 कार्य बिंदु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय संचालन समिति से अनुमोदन के बाद केन्द्र सरकार को प्रेषित किये गये है। जलवायु परिवर्तन कार्य-योजना तैयार करने में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है।
उल्लेखनीय है कि पर्यावरण विभाग द्वारा मध्यप्रदेश जलवायु परिवर्तन कार्य-योजना (MP SAPCC v 2.0) तैयार किया गया है। भारत में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लक्ष्यों और सतत विकास लक्ष्यों को केन्द्रित करते हुए राज्य जलवायु परिवर्तन कार्य-योजना का दूसरा संस्करण बनाया गया है। कार्य-योजना बनाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन कर जलवायु परिवर्तन से जुड़े विभिन्न विषयों से जुड़ें विशेषज्ञों को शामिल किया गया। कार्य-योजना में प्रदेश के जलवायु परिवर्तन से संबंधित विभागों जैसे ग्रामीण एवं शहरी विकास, वानिकी, जल संसाधन, परिवहन, खनिज, कृषि, पशुपालन, मत्स्य और स्वास्थ्य आदि विभागों से व्यापक विचार-विमर्श के बाद प्राप्त अभिमत शामिल किये गये हैं।