भोपाल। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन, शैक्षणिक संस्थागत विकास, शैक्षणिक नवाचार, भारतीय ज्ञान परंपरा और भारतीय भाषा संवर्धन पर विमर्श के उद्देश्य से 16 से 18 जनवरी के बीच देश के शिक्षाविद इंदौर और उज्जैन में जुटेंगे। इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय परिसर में 16-17 जनवरी को 'नेशनल समिट ऑफ़ एजुकेशन लीडर्स' का आयोजन होगा। इसमें देश के निजी और शासकीय विश्वविद्यालयों को नेतृत्वकर्ता - कुलाधिपति, कुलपति और देश के शैक्षणिक संगठनों के प्रमुख भाग लेंगे। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में 18 जनवरी को 'उज्जैन शिक्षा समागम' होगा, जिसमें भारतीय ज्ञान परंपरा और भारतीय भाषा संवर्धन पर विमर्श होगा।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रालय में दोनों आयोजन की तैयारी को लेकर विश्वविद्यालयों और विभाग के अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने आयोजनों संबंधी पोस्टर का विमोचन भी किया। अपर मुख्य सचिव श्री शैलेंद्र सिंह, आयुक्त श्री कर्मवीर शर्मा, एमपीपीयूआरसी के अध्यक्ष डॉ भरत शरण सिंह, सदस्य डॉ विश्वास चौहान, विद्या भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. शशि रंजन अकेला एवं विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
उच्च शिक्षा विभाग के साथ विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान, मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग, भारतीय विश्वविद्यालय संघ, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर द्वारा यह आयोजन किये जा रहे है।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की दिशा में यह कांफ्रेंस महत्वपूर्ण है। इससे विभाग को नीति के क्रियान्वयन को आगे ले जाने में सहायता होगी। नीति में प्रदेश में किये गए नवाचारों, उपलब्धियों और परिवर्तनों से अन्य राज्यों को भी अवगत कराया जा सकता है।