कथावाचक से आशीर्वाद प्राप्त करते पूर्व विधायक |
बेगमगंज। श्रीमद् भागवत कथा के सप्तम दिवस पर मानस माधुरी किरण दीक्षित ने श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता की सुंदर कथा श्रोताओं को श्रवण कराई। कथा के सप्तम दिवस पर हजारों की संख्या में भक्तों ने महाराज श्री के श्रीमुख से कथा का श्रवण किया। कथा श्रवण करने के लिए जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष देवेंद्र पटेल भी अपने साथियों के साथ पहुंचे और आशीर्वाद प्राप्त किया।
कथा श्रवण करती महिला पुरुष बच्चे |
कथा की शुरुआत में मानस माधुरी ने बताया की सप्तम दिवस पर सुनी हुई कथा आपको सम्पूर्ण भागवत कथा का फल देती है। ये हमारे करोड़ो जन्मो का पुण्य ही है की हमे श्रीमद भागवत कथा सुनने का अवसर प्राप्त हुआ है। क्यूंकि आप बस मानव जीवन को प्राप्त करके ही श्रीमद भगवत कथा का श्रवण कर सकतें है। श्रीमद भगवत कथा का ये ग्रन्थ तो देवताओं के लिए भी दुर्लभ है। जिस जीव के दिल में इच्छा होती है की वो ईश्वर के बारे में जाने वो इस श्रीमद भगवतकथा के माध्यम से ईश्वर के बारे में जान पाता है। जो व्यक्ति सिर्फ माया के पीछे भागता है वो व्यक्ति उस कुंए के मेंढक की तरह है जिसने कभी उस कुए के बाहर की दुनिया देखी ही नहीं। वो कथा को सिर्फ एक कहानी की तरह सुनता है या फिर जब तक उसको सुनने का मन करता है तब तक कथा पंडाल में रहता है उसके बाद निकल जाता है। लेकिन वेद व्यास जी ने खुद भागवत कथा में लिखा है की अगर सातो दिन तक पूरी निष्ठा और ध्यान से आप श्रीमद भागवत कथा का श्रवण करते है तो वो आपको मोक्ष की प्राप्ति कराती है। उन्होंने बताया की जिस धरती पर पानी की कमी हो वहां की फसल ख़राब हो जाती है और जहाँ धर्म न हो जहाँ संस्कार न हो, जहां अपनी परम्पराओं का निर्वाहन न हो वहां नस्ल ख़राब हो जाती है। भगवान् ने जो हमे ये साँसे दी है वो किसी का बुरा करने के लिए नहीं किसी को बुरा कहने के लिए नहीं , अपनी ज़िन्दगी को यूँ ही व्यर्थ करने के लिए नहीं बल्कि ये साँसे भगवान् का नामजाप करने और भगवान् की भक्ति के लिए दी है। ये सांस बहुत अनमोल है इन्हे आपको कोई उधार नहीं देगा इसलिए इन्हे व्यर्थ ना जाने दे। आपको अपने बच्चो को सनातन संस्कृति के संस्कार जरूर देने चाहिए ताकि आपके इस जीवन से चले जाने के बाद वो हिन्दू धर्म के नियमो का पालन करे और जो भी कार्य करें हिन्दू धर्म के मुताबिक पुरे विधि- विधान से करें और ये सारी चीजे तभी मुमकिन है जब आप इन सभी नियमो का पालन करोगे और अपने बच्चो के भीतर बचपन से ये सारे संस्कार डालोगे।
मानस माधुरी किरण दीक्षित ने कथा का क्रम सुनाते हुए श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता की कथा श्रोताओं के श्रवण कराई। तो पंडाल में उपस्थित महिला पुरुष अपने आंसू नहीं रोक पाए कथा के बीच बीच में संगीतमय भजनों पर कथा श्रवण करने वाले अपने आप को नहीं रोक पाए और झूमकर नृत्य करने लगे । अंत में मुख्य यजमान नारायण सिंह लोधी और उपस्थित लोगों ने व्यासपीठ की आरती की प्रसादी का वितरण किया।