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पर्यावरण विषय के छात्र पर्यावरण-सरंक्षण का कार्य देश के लिए करें : पर्यावरण मंत्री डंग

भोपाल। पर्यावरण के विद्यार्थियों के जीवन की सार्थकता तभी है जब वे अपनी शिक्षा के बाद पर्यावरण-संरक्षण का कार्य अपने घर से शुरू कर प्रदेश और देश के लिए करें। सुनिश्चित करें कि विकास कार्यों के लिए कटने वाले वृक्ष के स्थान पर अन्य जगह वृक्षारोपण हो। पर्यावरण मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग ने यह बात मंगलवार को एप्को में 'पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एन्वॉरमेंट मैनेजमेंट' के गत वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरण कार्यक्रम और वर्तमान सत्र के 46 विद्यार्थियों का नये सत्र में स्वागत करते हुए कहा। पाठ्यक्रम में देश- प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के विद्यार्थी शामिल हैं, जिनमें आईएफएस, डिप्टी कलेक्टर, अधिकारी, कर्मचारी और विद्यार्थी हैं।

पर्यावरण मंत्री श्री डंग ने विद्यार्थियों से कहा कि स्वयं से प्रश्न करें कि पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद आप इससे अपने माता-पिता, समुदाय, प्रदेश, देश, पृथ्वी और भावी पीढ़ी को क्या देने जा रहे हैं। अभी से ही लक्ष्य तय करें। देश से प्रेम करते हैं तो पर्यावरण बचाने के लिए रोज 2 घंटे दें। उन्होंने कहा कि बढ़ती कॉक्रीटिंग से जमीन कम पानी सोख पा रही है। वहीं एक-एक हजार फीट तक ट्यूबवेल खोदे जा रहे है, जो ‍चिंतनीय है।

कार्यकारी निदेशक श्री मुजीबुर्रहमान खान ने बताया कि एप्को में एक नया पाठ्यक्रम "एन्वॉरमेंट ससटेनेबिलिटी एण्ड गर्वंनेन्स" भी शुरू किया जाएगा। पीजीडीईएम के छात्र-छात्राओं को विषय विशेषज्ञों द्वारा जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, आपदा प्रबंधन आदि विभिन्न विषयों पर शिक्षित किया गया। प्रशिक्षित लोग पर्यावरण-संरक्षण में योगदान देने के साथ लोगों को जागरूक भी करेंगे।

सिया के अध्यक्ष श्री अरूण भट्ट, पर्यावरण विभाग के अधिकारी, विषय विशेषज्ञ और विद्यार्थी कार्यक्रम में मौजूद थे। विद्यार्थी सर्वश्री अविनाश, अंकित और श्वेता ने पाठ्यक्रम की विशेषताओं और पर्यावरण चुनौती में इसके लाभ और लक्ष्यों के बारे में बताया। कार्यक्रम का संचालन प्रचार्य श्री लोकेन्द्र ठक्कर ने किया।

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