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जीवन में माता-पिता ही सर्वोपरि: अभिमन्यु कृष्ण

बेगमगंज। अभिमन्यु कृष्ण भागवताचार्य  ने कथा का वाचन करते हुए बताया कि शिव एवं माता पार्वती का विवाह हिमांचल राजा के यहां संपन्न हुआ ।माता मेना ने मां पार्वती को पति धर्म के विषय में समझाया एवं ब्राह्मण पत्नी ने पति धर्म का उपदेश दिया आगे चलकर के विवाह करने के बाद शिव माता पार्वती कैलाश पर्वत पर एक गुफा में निवास करने लगे मां पार्वती कार्तिकेय एवं गणेश जी का जन्म हुआ श्री गणेश जी ने अपने माता-पिता की परिक्रमा लगाई जीवन में माता-पिता ही सर्वोपरि हैं। माता-पिता प्रथम गुरु है। गणेश भगवान ने माता पिता की अद्भुत सेवा की भोले नाथ ने आशीर्वाद दिया पुनः फिर विवाह संपन्न हुआ भगवान गणेश जी का विवाह रिद्धि सिद्धि के साथ में संपन्न हुआ पुत्र हुए क्षेम और लाभ भगवान गणेश प्रथम पूज्य बने जब भी हम कभी भी पूजन पाठ करते हैं तो प्रथम पूजन गणेश जी का होता है और जो मानव गणेश जी का नाम लेकर के यात्रा करते हैं उनकी यात्रा मंगलमय होती है उनके जीवन में मंगल का उद्गम हो जाता है सप्तम दिवस की कथा में त्रिपुरासुर का वध अंधकासुर का वध 12 ज्योतिर्लिंगों की उत्पत्ति महिमा उनके दर्शन लाभ की महिमा हमें अपने जीवन में अवश्य भगवान भोलेनाथ की आराधना साधना करना चाहिए 12 ज्योतिर्लिंगों का दर्शन करना चाहिए शिव महापुराण की कथा श्रवण करने से जन्म जन्मांतर के पाप समाप्त हो जाते हैं और हमें भगवान शिव के शिवलोक में बास मिल जाता है । कथा श्रवण करने के लिए काफी तादाद में महिला पुरुष पहुंच रहे हैं महाराज से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रदेश कांग्रेस महामंत्री राजेंद्र सिंह तोमर अपने साथियों के साथ पहुंचे और आशीर्वाद प्राप्त किया।

कथा का वाचन करते महाराज



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