गृहमंत्री ने एक साल पूरा होने पर कहा-प्रतिबंधात्मक धाराओं में पुलिस की कार्रवाई कारगर सिद्ध हुई
भोपाल। पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के एक साल में ही गुंडे बदमाशों पर काबू किए जाने से बच्चियों और महिलाओं संबंधी अपराधों में कमी दर्ज हुई है। साथ ही सामुदायिक पुलिसिंग के तहत किए जा रहे नवाचारों से भी आम जनता में पुलिस के प्रति नया विश्वास कायम हुआ है।
यह कहना है गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का, जोकि शुक्रवार को पुलिस कमिश्नरी का एक साल पूरा होने पर समीक्षा कर रहे थे। ज्ञात हो कि कमिश्नर प्रणाली 9 दिसंबर 2021 से लागू हुई थी। इस मौके पर पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना और पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। गृह व जेल मंत्री ने अपराधों व सामुदायिक पुलिसिंग के तहत किये जा रहे भोपाल पुलिस के कार्यों व नवाचारों पर बधाई देते हुए कहा कि भोपाल में अपराधों में अभूतपूर्व कमी आई है। जनता के अभिमत के आधार पर पुलिसिंग को बेहतर करने का प्रयास किया गया है। आॅनलाइन ठगी के शिकार लोगों के करोड़ों रुपए वापस करवाए गए। गुम बालिकाओं की बरामदगी और सुरक्षित घर पहुंचाने में पुलिस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब थानों की रैंकिंग आम जनता करेगी। इसके लिए नया नारा होगा मेरी पुलिस-एमपी पुलिस।
एक साल का लेखा-जोखा
कार्रवाई 2021 2022
-बाउंडओवर 00 9500
-गुडा क्राइम 2500 1300
-नए गुंडे बने 600 289
-गुम बच्चा वापसी 70 दिन में 21 दिन में
-थाना हाजिरी 00 1700
यह भी किया गया
- रात्रि कॉम्बिग गश्त में एक साथ एक हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों द्वारा 2 हजार से ज्यादा गुंडो तथा वारंटियों की धरपकड की गई।
- राजधानी में प्रर्दशनों को सूक्ष्मता से विनियमित किया गया। इससे बलवा, प्रदर्शनो में 31 प्रतिशत की कमी आई। इससे जनजीवन सामान्य बना रहा।
- संपत्ति संबंधी अपराधियों पर लगाम कसने के लिये उनकी थाना हाजिरी कराकर नवीन रिकार्ड हिस्ट्रीशीट तैयार की गई, जिसमें एक दिन में भोपाल के समस्त थानो द्वारा 1700 अपराधियों की पेशी का रिकार्ड तैयार कराया गया। इससे चोरी गई संपत्ति की बरामदगी में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
- वरिष्ठ अधिकारियों के पर्यवेक्षण व तकनीकी कौशल उन्नयन से तकनीकी अपराधों में विशेषज्ञता हासिल हुई है। नये प्रकार के जटिल सायबर अपराधो, आर्थिक अपराध, लोन ऐप क्राइम को सुलझाने में सफलता मिली। इस वर्ष अपराधियों से आम आदमी को लगभग तीगुनी राशि वापस कराई गई है।
- विक्षिप्त महिलाओं को मानसिक इलाज के लिए गृहो में सुरक्षित पहुंचाया गया ताकि कोई असमाजिक तत्व इनका शोषण न कर सकें।
- चिन्हित क्षेत्रों में अवयस्क बालिकाओं को मानव तस्करी से बचाने के पहल की गई हैं।
- कैसी है आपकी पुलिस नवाचार में आम आदमी से आयुक्त कार्यालय में सीधे फीडबैक लेकर सुधार किया गया।
- मानवाधिकारों का बेहतर संरक्षण होने से पुलिस के विरूद्ध शिकायतों में 34 प्रतिशत की कमी आई ।
- मानव संसाधन के बेहतर उपयोग व उनके उन्नयन के लिये ई-आॅफिस, माईक्रो बीट व एलएमएस की शुरूआत की गई।
- पुलिस अमले को तनाव मुक्त करने नयी परेड शुरू की गई, जिसमें स्वास्थ्य परीक्षण, मनोवैज्ञानिक परीक्षण शामिल हैं।
- उर्जा डेस्क एवं स्टूडेंट इंटर्न से स्कूली एवं बस्तियों की बच्चियों में सायबर क्राइम एवं पास्कों एक्ट के संबंध में प्रचार प्रसार किया गया।
क्राइम में कमी लाने में सफल रहे
नया सिस्टम होने के बाद भी क्राइम में कमी लाने में सफल रहे। चोरी गई संपत्ति, गुम बालिकाओं की बरामदगी में भी अच्छे परिणाम मिले हैं। नए गुंडे बनने में आधे से भी कमी के अलावा प्रदर्शनों का नियमन करने से आम जनता को परेशानी से बचाया जा सके। बावजूद अभी भी और बेहतर करना है।
मकरंद देउस्कर, पुलिस कमिश्नर आॅफ भोपाल