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स्कूलों में वर्षों से खेल शिक्षकों की कमी

बेगमगंज। तहसील के शासकीय हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों सहित 300 से आधिक माध्यमिक व प्राथमिक स्कूलों में खेल शिक्षकों की कमी बनी हुई है। जिसको दूर नहीं किय जा रहा है। कई स्कूलों में अतिथि खेल शिक्षक रख कर काम चलाया जा रहा है जिससे खेल प्रतिभाओं को सही प्रशिक्षण नहीं मिल पाने से वह आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।

स्कूल परिसर

देखा जाए तो तहसील की नाम मात्र स्कूलों में खेल शिक्षक है। जिनसे किसी तरह काम चलाया जा रहा है। जबकि शिक्षा विभाग खेल के नाम पर बच्चों से शुल्क वसूल रहा है। जानकारी के अनुसार खेल शिक्षकों की कमी दूर करने का प्रयास शासन स्तर पर दूर नहीं किया जा पा रहा है इस बच्चों खेल सिखाने के लिए प्रशिक्षक नहीं मिल पा रहे है। खेल सामग्री जरूर उपलब्ध कराई गई है जिससे बच्चे स्वयं अपने हिसाब से खेलकर औपचारिकता पूरी कर रहे है ।

सालों से बनी है कमी- बताया जाता है कि करीब 22 सालों से खेल शिक्षकों की कमी बनी है। अभी भी पीटीआई के पद खाली है। 2008 में संविदा पदों पर कुछ खेल शिक्षकों की नियुक्तियां की गई थी। यह समस्यि कब तक दूर होगी इसका जवाब भी अधिकारियों के पास नहीं है। वे यहीं कहते है कि शासन को ही नियुक्तियां करना है जन प्रतिनिधियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

खेल मैदान भी नहीं है:- जहां स्कूलों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है। वहीं करीब 90 फीसदी स्कूलों में खेल मैदान भी नहीं है। इससे बच्चे अपने पसंद का खेल नहीं खेल पाते और उनका शारीरिक व मानसिक विकास बेहतर तरीके से नहीं हो पता है। छात्रों को मैदान की कमी खलती रहती है या फिर वे स्कूल से दूर बने मैदान में खेलने के लिए जाते है। इस संबंध में ब्लाक शिक्षाधिकारी नारायण दास साहू का कहना है कि स्कूलों में खेल सामग्री के लिए राशि दी गई है। हाँ यह जरूर है कि पीटीआई की कमी है। जिनकी नियुक्ति शासन स्तर से की जाना है।


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