बेगमगंज। भाजपा में भी कांग्रेस की परंपरा का निर्वहन करते हुए स्थानीय व्यक्ति को दरकिनार कर बरेली के व्यक्ति को पंडित दीनदयाल उपाध्याय शासकीय महाविद्यालय जनभागीदारी समिति का अध्यक्ष नियुक्त करने पर विरोध के स्वर शुरू से ही तेज हो गए थे। लेकिन मंगलवार को अध्यक्ष द्वारा अपनी उपस्थिति जैसे ही महाविद्यालय में दर्ज कराई गई वैसे ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और महाविद्यालय के छात्र छात्राएं विरोध में आ गए और उन्होंने जमकर नारेबाजी करते हुए दशहरा मैदान से तहसील कार्यालय तक जुलूस निकालकर मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन एसडीएम अभिषेक चौरसिया को सौंप कर तत्काल नियुक्ति निरस्त करने अन्यथा उग्र आंदोलन की चेतावनी दे डाली। उसके बाद मुख्य सागर भोपाल मार्ग पर जाम लगा दिया जिससे मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई, भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष कमल सिंह साहू एसडीएम अभिषेक चौरसिया टीआई राजपाल सिंह जादौन सहित प्रशासनिक अधिकारियों की समझाइश पर जाम समाप्त किया गया, प्रशासन ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के आंदोलन को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया था, क्योंकि करीब 2 सप्ताह पहले गैरतगंज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के आंदोलन में करीब 6 घंटे तक चक्का जाम की घटना सामने आ चुकी है जिसको लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट नजर आया।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र और छात्राओं ने ज्ञापन के माध्यम से सरकार का ध्यानाकर्षण कराना चाहा है कि नगर के एकमात्र शा. पंडित दीनदयाल उपाध्याय महाविद्यालय में हाल ही के कुछ दिनों में राज्य शासन उच्च शिक्षा विभाग के अपर सचिव वीरन सिंह भलावी के द्वारा महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष पद पर राहुल पटेल निवासी बरेली को नियुक्त किया है। बरेली से बेगमगंज की दूरी 105 किलोमीटर है ऐसे में महाविद्यालय के छात्रों की समस्याओं के निवारण करने में उन्हें काफी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है और जिसके कारण महाविद्यालय के अन्य कार्य सुचारू रूप से नहीं हो सकते साथ ही अध्यक्ष पद पर स्थानीय व्यक्ति को मनोनयन न करना सरकार एवं पार्टी संगठन की नीतियों के विरुद्ध है क्योंकि इसमें क्षेत्र को पहली प्राथमिकता होनी चाहिए और क्षेत्रीय प्राथमिकता को दरकिनार करते हुए यह नियुक्ति हुई है जो कि किसी भी प्रकार से उचित नहीं है।
जनभागीदारी अध्यक्ष को हटाने ज्ञापन सौंपती अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद |
उक्त नियुक्ति तत्काल प्रभाव से निरस्त कर स्थानीय स्तर पर किसी भी वरिष्ठ एवं कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अभिभावक को अध्यक्ष बनाया जाना उचित होगा इस पर शीघ्र निर्णय लिया जाए, शासन के द्वारा बाहरी व्यक्ति की नियुक्ति से महाविद्यालय क्षेत्र में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों का अपमान किया गया है उन्हें इस योग्य नहीं समझा गया कि वह इस पद को संभाल सके। ज्ञापन में मांग की गई है कि बरेली निवासी राहुल पटेल की नियुक्ति तत्काल निरस्त की जाए 10 दिवस के अंदर यदि उच्च शिक्षा विभाग अपना निर्णय नहीं बदलता है तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आंदोलन के रूप में इसका पुरजोर विरोध करेगी जिसकी समस्त जिम्मेदारी उच्च शिक्षा विभाग शासन प्रशासन की होगी।
उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भाजपा का छात्र संगठन है जो अपनी ही सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरा और उक्त नियुक्ति को लेकर जहां छात्र सहमत नहीं हैं वहीं संगठन के पदाधिकारी भी दबी जुबान से इसका विरोध कर रहे हैं और जन चर्चा आम है कि यदि उच्च शिक्षा विभाग ने अपना निर्णय नहीं बदला तो आगामी विधानसभा चुनाव में इसका नुकसान पार्टी को उठाना पड़ सकता है।
ज्ञापन की प्रतियां उच्च शिक्षा मंत्री, जिले के प्रभारी मंत्री, स्थानीय विधायक पूर्व कैबिनेट मंत्री, एवं कमिश्नर उच्च शिक्षा विभाग को भी भेजी गई हैं।
छात्र आंदोलन का नेतृत्व करने वाले प्रमुख पदाधिकारियों में जिला संयोजक अकित पटेल, अनुभाग संयोजक नीरज गौर, नगर अध्यक्ष युवराज राजपूत, निखिल अवस्थी, सौरभ लोधी, लक्ष्मी लोधी, सुकुमारी ठाकुर, शालिनी तिवारी, अभिषेक लोधी, हर्ष शर्मा, मनमोहन दीक्षित, शुभम नामदेव आदि प्रमुख हैं।