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दहेज पीड़िता को 11 साल बाद मिला इंसाफ, दहेज लोलुप सास और पति को एक साल की सजा

फरियादी को 50 से अधिक बार उपस्थित होना पड़ा कोर्ट में, 3 साल से ज्यादा चली पीड़िता से जिरह

भोपाल। दहेज पीड़िता बहू को आखिरकार 11 चली कानूनी लड़ाई के बाद इंसाफ मिल ही गया। उसकी दहेज लोलुप सास और पति को एक-एक साल की सजा कोर्ट ने सुनाई है। इस मामले में फरियादी महिला से करीब चार साल तक जिरह चली। 

इस बारे में जनसंपर्क अधिकारी, एडीपीओ मनोज त्रिपाठी ने बताया कि न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अंकिता श्रीवास्तव ने 11 वर्ष पुराने प्रकरण में दहेज को लेकर क्रूरता करने वाले पति अबरार  पिता अनीस खान उम्र 38 वर्ष एवम सास रामकुमारी उर्फ रेहाना पति अनीस खान उम्र 62 वर्ष निवासी- सेंट्रल लाइब्रेरी के पीछे इतवारा रोड भोपाल को धारा 498अ भादवि में 1 - 1 वर्ष का  सश्रम कारावास एवम 500-500 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। इसमें अभियोजन की ओर से एडीपीओ मनोज त्रिपाठी ने पूरी परिस्थितियों को समेकित करते हुए फरियादी के 50 से अधिक बार न्यायालय उपस्थित होने और लगभग 4 वर्ष तक उसका क्रॉस एग्जामनेशन चलते रहने के बिंदु को उठाते हुए  इंसाफ की मांग। 

यह है मामला

फरियादी जेबा खान ने 24 अक्टूबर 2011 को महिला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसका विवाह 2008 में आरोपी अबरार के साथ हुआ था। शादी के बाद से ही पति अबरार एवं सास  रामकुमारी उर्फ  रेहाना कम दहेज को लेकर ताने देने लगे और मारपीट करने लगे। 5 लाख रुपये मायके से लाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। उसने दो बार 50-50  हजार रुपये नगद मायके से लाकर दिए भी, लेकिन प्रताड़ना कम नही हुई। रिपोर्ट करने पर थाने में समझौता करके ले जाते और फिर मारपीट करते थे।

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