उपाध्यक्ष की आपत्ति के बाद सीईओ ने लगाई पीएचई एसडीओ को फटकार
27 गांवों की बिजली काटी, बोलीं चाय-नाश्ता करने नहीं आते, सीएम के पास जाएंगे
भोपाल। गांवों में पीने का पानी तो सप्लाई किया जा रहा ह, लेकिन अधिकतर जगहों पर सीवेज के चेंबर लीकेज होने की वजह से गंदा पानी आ रहा है। पिछली बैठक में भी पीएचई के एसडीओ सुदेश मालवीय को इसकी जानकारी दी थी, लेकिन एक माह गुजरने के बाद भी कुछ नहीं किया। यह बात मंगलवार को जिला पंचायत में साधारण सभा की बैठक में उपाध्यक्ष मोहन जाट ने कही। यह बात सुनकर जिला पंचायत सीईओ ने कहा कि मैंने खुद पचास से अधिक पंचायतों के गांवों का दौरा किया है, जहां पर नलजल योजना में गंदा पानी सप्लाई किया जा रहा है। इसके बाद उपाध्यक्ष गुस्से में आ गए, उन्होंने पीएचई के एसडीओ को फटकार लगाते हुए कहा कि आप दफ्तर में बैठकर निर्देश देते रहते है, मौके पर कुछ नहीं किया जा रहा ह। इधर बिजली बिल नहीं भरने पर 27 गांवों की बिजली काटी गई है, जिसको लेकर बिल भरने की बात कही गई।
बैठक की शुरुआत में ही उपाध्यक्ष ने नलजल योजना में पानी सप्लाई का मुद्दा उठाया, उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में आम लोगों को पानी सप्लाई की जिम्मेदारी उठाने वाले विभाग के अफसर दफ्तर में बैठकर निर्देश देते रहते है। पिछली बैठक में जो मुद्दे उठाए गए थे, उनमें भी खानापूर्ति की गई है। कई जगहों पर गंदा पानी सप्लाई किया जा रहा ह। उपाध्यक्ष की बात सुनकर सीईओ ऋतुराज सिंह भी नाराज हो गए, उन्होंने एसडीओ को फटकार लगाते हुए कहा कि अपना काम ठीक ढंग से करो, हवा हवाई आंकड़े पेश करने से अच्छा ह कि एक एक शिकायत का प्रॉपर निराकरण किया जाए। गंदे पानी को लेकर सदस्य चंद्रेश राजपूत ने भी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हम यहां चाय नाश्ते के लिए नहीं आते, अब सीएम के पास तक जाएंगे। सदस्यों की नाराजगी से पीएचई अफसर बैकफुट पर नजर आए। पीएचई के कामों की क्वॉलिटी पर सीईओ ऋतुराज ने भी कहा कि क्वॉलिटी पर मैं भी संतुष्ठ नहीं हूं।
9 स्कूलों में पीने का पानी भी नहीं
उपाध्यक्ष ने सीईओ को मीटिंग से पहले आवेदन भी दिया। जिसमें बताया कि जिले में 107 किसानों पर बिजली के प्रकरण बना दिए गए। वहीं, चंदेरी, खजूरी, नजीराबाद, अगरिया, रतुआ, करोंदखुर्द, रायपुर, निपानिया जाट समेत कई गांवों में बिजली के ट्रांसफार्मर खराब होकर बंद है। इस कारण किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं। इसी तरह सूखा निपानिया, खामखेड़ा, परलियासानी, शाहपुर, चंदेरी रोजीवेग, बरखेड़ी हज्जाम, कुठार, देहपुर के किसानों पर प्रकरण बनाए गए। कई ग्रामीणों को मनमाने तरीके से बिल दिए जा रहे हैं। वहीं, स्कूलों में पीने का पानी भी नहीं है। रतनपुर, नीलगबड़, कनेरा, कुठार, ललरिया गांवों में शौचालय की भी समस्या है। पीएचई विभाग की अनदेखी के चलते रतनपुर, नीलबड़, ललरिया, मुंगालियाकोट, कनेरा, निपानियाजाट, रायपुर, गुनगा, रतुआ में पानी की खासी समस्या है।
बिजली के मुद्दे पर भी घेरा
सदस्यों ने बिजली के मुद्दे पर भी अफसर को घेरा। उपाध्यक्ष जाट, सदस्य रश्मि भार्गव ने कई गांवों में बिजली गुल रहने की बात कहीं। वहीं, 27 ट्रांसफार्मर बंद होने से ग्रामीणों को परेशानी होने की शिकायत भी की। इस पर बिजली कंपनी के ईई पंकज यादव ने कहा कि लाखों रुपए की राशि बकाया होने के कारण ट्रांसफार्मर बंद है।
सदस्य पतियों की रही मौजूदगी
मीटिंग में महिला सदस्यों के पति या परिजन भी बैठे रहे। अध्यक्ष रामकुंवर गुर्जर के बेटे दीपक विधायक प्रतिनिधि के रूप में शामिल हुए। इसी तरह चंद्रेश राजपूत के पति सुदेश राजपूत भी सांसद प्रतिनिधि के रूप में शामिल हुए। देवकुंवर के पति अनिल हाडा, इंद्रा मीना के पति अशोका मीना, गंगा बाई के पति मिश्रीलाल, बिजिया राजौरिया के पति विनोद राजौरिया भी बैठक में मौजूद रहे।