बांध के लिए खोदी गई मिट्टी और नदी में ढूंढ रहे हीरा , हजारों की संख्या में किस्मत आजमा रहे लोग ।
पन्ना। बेशकीमती हीरों के लिए प्रसिद्ध मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की रत्नगर्भा धरती इन दिनों हीरों की तलाश करने वाले लोगों पर मेहरबान है। यहाँ भिन्न - भिन्न इलाकों में कई जगह उथली हीरा खदानें लगाई जाती हैं जहाँ यदा कदा लोगों को हीरे मिलते रहते हैं। पन्ना जिले की रुंझ नदी जहां हीरा तलाशने के लिए लोगों की भीड़ लगी है। आसपास के जिलों के ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश , महाराष्ट्र बिहार आदि प्रांतों से भी लोग यहां अपनी किस्मत आजमाने पहुंच रहे हैं। मिट्टी में हीरे की तलाश कर रहे हैं। हीरा तलाशने वालों ने यहां तीन से चार फीट तक के गड्ढे कर दिए हैं।
अजयगढ़ जनपद में विश्रामगंज घाटी के नीचे रुंझ नदी में इन दिनों डैम का निर्माण चल रहा है। जहां से भारी मात्रा में मिट्टी खोदी गई है। कुछ दिन पहले हुई बारिश में पहाड़ी क्षेत्र से मिट्टी बहकर आई है। नदी में ज्यादा पानी नहीं है। ऐसे में यहां हीरे मिलने की संभावना बढ़ गई है। सुबह से शाम तक नदी में लोगों का हुजूम लगा रहता है। तसला, छलनी, फावड़ा लेकर लोग खुदाई करते मिल जाते हैं।
कारवाई करने वाले रेंजर का हुआ स्थानांतरण
विश्रामगंज रेंज की टीम कुछ दिनों पूर्व यहां पहुंची थी। वन अमले को देखते ही यहां अवैध तरीके से नदी में हीरा तलाश रहे लोगों में भगदड़ मच गई।
रेंजर जेपी मिश्रा ने मौके से 30 लोगों को पकड़ा था। इनकी 12 बाइक जब्त की थी । जिसके कुछ दिनों बाद रेंजर जेपी मिश्रा का पन्ना से स्थानांतरण कर दिया गया ।
हीरा व्यापारियों के दलाल भी सक्रिय
रुंझ नदी में अवैध रूप से हीरा खोदने की जानकारी लगते ही हीरा व्यापारियों के दलाल भी सक्रिय हो गए हैं। वे नदी किनारे हीरा तलाशने में लगे लोगों पर नजर रख रह हैं। हीरा मिलने पर ये लोग व्यापारियों से डीलिंग कराते हैं। दोनों ओर से अपना कमीशन ले लेते हैं। लोगों का दावा है कि कुछ को यहां से हीरे मिले हैं। हालांकि अभी किसी को हीरा मिलने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। यहां पहले भी लोगों काे खदानों के अलावा जंगल में हीरे मिलते रहे हैं।
हीरे तीन प्रकार के होते हैं। पहला- उज्ज्वल/जेम, दूसरा- मैलो और तीसरा- मट्ठो। सबसे ज्यादा भाव जेम क्वालिटी के हीरे को मिलता है। यह बिल्कुल सफेद होता है। सूरत के सराफा बाजार में 8 लाख रुपए औसत एक कैरेट हीरे की कीमत होती है, जो शुद्ध मात्रा में होता है। पन्ना जिले की नीलामी में 4 लाख रुपए औसत बोली लगाई जाती है। यह पूरी तरह शुद्ध नहीं होता। मेलो यानी ब्राउन और मट्ठो यानी काला होता है।
जिले में हीरे की 450 खदानें
पन्ना जिले में वर्ष 2021-22 में 450 खदानें स्वीकृत हैं, इनमें लोगों को खदान लगाने का पट्टा दिया गया है। पन्ना हीरा कार्यालय से जानकारी के मुताबिक एक वर्ष में जिले के हीरा कार्यालय में करीब 400 छोटे-बड़े हीरे जमा होते हैं। इनमें बड़े साइज के हीरे बहुत कम होते हैं। कार्यालय में जमा होने वाले अधिकतर हीरे 1 से दो कैरेट के बीच होते हैं।
सरकारी जमीन का पट्टा पाने की प्रक्रिया
पन्ना में सरकारी जमीन का पट्टा पाने के लिए आवेदन फॉर्म भरना होता है। हीरा कार्यालय में आवेदन के साथ तीन फोटो, आधार कार्ड की कॉपी और 200 रुपए का बैंक चालान पन्ना की स्टेट बैंक शाखा में जमा करना होता है। चालान की एक कॉपी कार्यालय में भी जमा कराना पड़ती है। इसके बाद 20 दिन के अंदर पट्टा मिल जाता है।
निजी जमीन में पट्टे की प्रक्रिया
निजी जमीन में हीरा खदान चलाने के लिए जमीन मालिक से सहमति और समझौता पत्र, बिक्रीनामा, किरायानामा जरूरी है। 3 फोटो, आधार कार्ड की कॉपी, 200 रुपए का चालान जमा कराने के बाद पट्टा जारी कर दिया जाता है। निजी खदान कहीं भी संचालित तो हो सकती है, लेकिन इलाके का हीरा खनन क्षेत्र के नक्शे में होना जरूरी है।
लोग बोले- खबर मिली थी कि नदी से हीरे निकल रहे हैं तो हम भी आ गए
छतरपुर से हीरा तलाशने पहुंचे मानसिंह यादव ने कहा कि पता चला कि नदी में हीरे मिलते हैं तो हम लोग भी आ गए. किस्मत आजमा रहे हैं । भगवान सबको देता है तो हमको भी देगा । हीरा मिलेगा तो परिवार का भरण-पोषण ठीक से कर पाएंगे ।
शाहनगर से आए लल्लू दुबे ने कहा कि खबर मिली थी कि पन्ना में एक नदी है, जिसमें हीरे मिलते हैं. किस्मत आजमाने आए हैं. अगर हीरा मिलता है तो कुछ काम धंधे बढ़ाएंगे. गोरेलाल ने कहा कि हीरा मिलेगा तो खेती पाती ठीक से कर पाएंगे, अभी हीरा ढूंढ़ने में लगे हैं, उम्मीद है कि हीरा मिलेगा । मुकेश पटेल ने कहा कि हीरे की तलाश कर रहे हैं । यहां मिल सकता है । मिल गया तो बच्चों को ठीक से पढ़ाएंगे और कर्जा भी चुकाएंगे।
खनिज अधिकारी बोले- वन क्षेत्र होने के कारण नहीं हो पा रही आधिकारिक पुष्टि
इस मामले में खनिज अधिकारी रवि पटेल का कहना है कि रुंझ में हीरे निकलते हैं, लेकिन यहां वन भूमि होने के चलते भू-भाग के लिए पट्टे जारी नहीं किए जा सकते, जिससे राजस्व को घाटा हो रहा है ।
इस समय हीरा कार्यालय में जमा हो रहे हीरों की बढ़ती संख्या बता रही है कि हीरे रुंझ नदी मे मिल रहे हैं, लेकिन वन क्षेत्र होने के चलते आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पा रही है । हालांकि हजारों की संख्या में लोग यहां किस्मत आजमाने आ रहे हैं ।
खनिज साधन व श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि नदी से हीरे निकलने की बात हमारे संज्ञान में आई थी । हमने अपने पीए से बात की है । तत्कालीन कलेक्टर पन्ना ने पत्र लिखा है कि डैम में जो जमीन डूब में आ रही है, उसको एनएमडीसी या किसी अन्य एजेंसी को दे दिया जाए, ताकि हमारे हीरे इस क्षेत्र से निकल आएं, क्योंकि यह क्षेत्र डूब में जाने वाला है ।
रूंझ डेम क्षेत्र में पट्टे जारी करे सरकार - दीक्षित
कांग्रेस नेता श्रीकांत पप्पू दीक्षित ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार लोगों को अनावश्यक रूप से परेशान कर रही है । सरकार अपनी कमियों को नहीं देख रही । सरकार की गलत नीतियो के कारण ही आज खनिज संपदा से भरा होने के बाबजूद पन्ना जिले में लोग बेरोजगार हैं और लोग बाहर पलायन करने को मजबूर है । सरकार को नियमो में बदलाव कर लोगों को पन्ना में ही रोजगार देना चाहिए और निर्माणाधीन रुंझ डेम में क्षेत्र में पट्टे जारी करे।
हीरे के लिए जंगल को नुकसान पहुंचाया
रूंझ नदी में पिछले दो माह से पन्ना, छतरपुर, सतना, उप्र से तक हजारों लोग अपनी आजमाने के लिए हीरा ढूंढ रहे हैं। इतना ही नहीं लोगों ने यहां से निर्माणाधीन रुंझ डैम से निकल रही हीरे चाल के अलावा जंगल के पेड़-पौधों को काफी नुकसान पहुंचाया है। जिला प्रशासन ओपचारिकता के लिए छोटी कार्रवाई कर वाहवाही लूट रहा है, जबकि यहां पूर्ण रूप से हीरे का अवैध उत्खनन हो रहा है।
रुंझ नदी में हीरा खोदते समय धंसी खदान, दबकर महिला घायल; रीवा रेफर
पन्ना जिले की रुंझ नदी में हीरा की तलाश करने के लिए हजारों लोग दो माह से किस्मत आजमा रहे हैं। अवैध रूप से हीरा खोदने वाले लोग जान का जोखिम लेने से भी नहीं चूक रहे हैं। गुरुवार को रुंझ नदी में खदान धंसने से एक महिला मिट्टी में दब गई। खदान में दबने से महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। उसे जिला अस्पताल से रीवा मेडिकल कॉलेज रेफर किया है।
अमानगंज थाना क्षेत्र के जैतपुर टपरियन में रहने वाली सुमनबाई पटेल पति बाबूलाल पटेल (35) रुंझ नदी में निर्माणाधीन डैम के पास हीरे की तलाश में चाल खोद रही थी। अचानक खदान धंसने से वह मिट्टी के ढेर में दब गई। उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के लोग मदद के लिए दौड़े। मिट्टी का ढेर ज्यादा होने के कारण करीब एक घंटे की कड़ी मेहनत के बाद महिला को बाहर निकाला गया। उसे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ आलोक गुप्ता ने बताया कि महिला को काफी चोटें आई हैं। इस वजह से उसे प्राथमिक उपचार के बाद मेडिकल कॉलेज रीवा रेफर कर दिया गया है।