सपाक्स की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करवाने के लिए बनी रणनीति
भोपाल। सुप्रीम कोर्ट ने कभी नहीं कहा कि मध्यप्रदेश में सारे अधिकारियों कर्मचारियों के प्रमोशन रोके जाएं। सिर्फ प्रमोशन में रिजर्वेशन का असंवैधानिक लाभ उठाने वालों के मामले में को स्टेटस किया गया था। बावजूद राज्य सरकार ने सारे अधिकारियों कर्मचारियों के प्रमोशन रोक दिए। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का फै सला आ गया है और उसका पालन करवाने के लिए प्रदेशभर में आंदोलन चलाया जाएगा।
यह निर्णय रविवार को हुई सामान्य, पिछड़ा व अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कमर्चारी संस्था (सपाक्स) की प्रान्तीय बैठक में लिया गया। बैठक में प्रांतीय अध्यक्ष डॉ केएस तोमर, अजय जैन, श्रीमती रक्षा दुबे, डीएस भदौरिया, जेएस गुर्जर, सचिव राजीव खरे, कोषाध्यक्ष राकेश नायक, एसके श्रीवास्तव, आशीष भटनागर, पंकज तिवारी, सपाक्स समाज प्रांतीय अध्यक्ष डॉ केएल साहु, सपाक्स समाज प्रांतीय संयोजक प्रसंग परिहार, स्महासचिव भानु तोमर, युवा प्रांतीय प्रदेश अध्यक्ष चेतन सिंह चंदेल, सचिव गजेंद्र रघुवंशी उपस्थित रहे। सपाक्स ने कहा है कि मप्र सरकार पूरी तरह से 64% वर्ग के हितों को दरकिनार कर विगत 6 वर्षों से अन्याय कर रही है। नतीजा यह कि सरकार द्वारा हजारों कमर्चारी बिना पदोन्नति व आर्थिक लाभ के सेवानिवृत कर दिए गए। वहीं ऐसे कर्मी सरकार द्वारा उच्च पदों पर स्थापित किए गए, जिन्हें वास्तव में वहां होना ही नहीं चाहिए। ऐसे में रिवर्ट करके वर्ष 2002 की स्थिति में वरिष्ठता सूची का निर्धारण करके पदोन्नति दी जाए।