लटेरी कांड के विरोध में असलहा जमा करवाए वनकर्मियों ने
भोपाल। सैकड़ों वन कर्मचारियों ने भोपाल डीएफओ का घेराव करके नारेबाजी की, क्योंकि लटेरी कांड के विरोध में बंदूके जमा करने से मना करते हुए कहा गया था कि बंदूकें डीएफओ के बजाय एसपी आॅफिस में जमा करवाएं। हालांकि बाद में बंदूकें जमा करवा ली गर्इं, जिसके बाद ही हंगामा शांत हो सका।
दरअसल लटेरी के जंगलों में मुठभेड़ के बाद वन अमले की टीम पर ही हत्या और हत्या के आरोप में वन कर्मचारी की गिरफ्तारी होकर जेल भेजने के विरोध में प्रदेशभर में आंदोलन शुरू हो गया है। इसी कड़ी में गुरुवार को भोपाल जिले के कर्मचारियों ने इंदिरा निकुंज रोपणी स्थित डीएफओ कार्यालय पहुंचकर बंदूकें जमा कराने के लिए पेश की, जिस पर कहा गया कि आर्म्स का मैटर पुलिस से संबंधित होने पर एसपी आॅफिस में बंदूकें जमा करवाएं। इस पर मप्र वन कर्मचारी संघ के महामंत्री आमोद तिवारी और मप्र रेंजर एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह की अगुवाई में डीएफओ का घेराव करके नारेबाजी शुरू हो गई। तब डीएफओ आलोक पाठक ने कर्मचारियों से वार्ता की और बंदूकें जमा करवाने के निर्देश दिए। इसके बाद ही कर्मचारी शांत हुए।
हथियार वापस नहीं लेंगे
बंदूकें तो दी गई हैं, लेकिन उनको चलाने का अधिकार नही है। ऐसे में कई कर्मचारियो की हत्या हो चुकी है और सैकड़ों घायल हो चुके हैं। ऐसे में जब तक बंदूकें चलाने का अधिकार नहीं मिलता, तब तक प्रदेशभर में जमा करवाई बंदूकें वापस नहीं लेंगे।
आमोद तिवारी, महामंत्री, मप्र वन कर्मचारी संघ