भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मैं आजीविका मिशन की दीदियों की जिन्दगी बदलना चाहता हूँ, क्योंकि उन्होंने ग्रामीण मध्यप्रदेश की जिन्दगी बदल दी है। अब स्व-सहायता समूह से जुड़ी दीदियाँ किसी की मदद की मोहताज नहीं हैं। मिशन इस उद्देश्य से आरंभ किया गया था कि महिलाओं को अधिकार भी मिलें और उनकी जिन्दगी भी बदले। “हम गरीब नहीं रहेंगे” इस प्रण का परिणाम है स्व-सहायता समूहों की सफलता। महिलाओं में क्षमता, प्रतिभा, मेहनत करने का जज्बा है, सहायता और प्रोत्साहन के लिए योजनाओं की व्यवस्था है, इन सबके साथ राज्य सरकार की स्पष्ट मंशा हो, तो परिणाम सबके सामने है। हमारा उद्देश्य है कि स्व-सहायता समूह से जुड़ी प्रत्येक महिला को घर का काम और बच्चों का लालन-पालन करते हुए प्रतिमाह 10 हजार रूपए की आय हो। पिछले वर्ष स्व-सहायता समूहों के लिए 1500 करोड़ रूपये का बैंक लिंकेज उपलब्ध कराया गया था। इस वर्ष 3 हजार करोड़ रूपए की बैंक लिंकेज का लक्ष्य है। समूह की दीदियाँ अपने उत्पाद को जेम पोर्टल पर अवश्य रजिस्टर कराएँ। हमारा प्रयास है कि उनके उत्पादों की भारत ही नहीं दूसरे देशों में भी माँग हो। लोकल को वोकल बनाना हमारा लक्ष्य है। राज्य सरकार उत्पादों की ब्रांडिंग में भी हरसंभव सहायता उपलब्ध कराएगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान मुख्यमंत्री निवास पर महिला स्व-सहायता समूहों की बहनों के साथ चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राखी के दूसरे दिन मुख्यमंत्री निवास आयी स्व-सहायता समूह की दीदियों का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कन्या-पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मध्यप्रदेश गान, आजीविका मिशन के 13 सूत्रों पर केन्द्रित गीत और नृत्य प्रस्तुत किये गये। मुख्यमंत्री श्री चौहान को दीदियों ने राखी बांधी और 9 हजार राखियाँ भेंट की गईं। प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री उमाकांत उमराव उपस्थित थे।