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केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा अब कोआपरेटिस सेक्टर एक्सपोर्ट भी करेंगे

कृषि विपणन में सहकारी संस्थाओं की भूमिका विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन

भोपाल। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि जल्द ही सहकारिता में आमूल चूल परिवर्तन होगा। इससे जिलों से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक सहकारिता के माध्यम से सिर्फ सरकारी खरीदी-बिक्री ही नही, बल्कि प्राइवेट कंपनियों को भी कृषि उत्पाद किसानों से खरीदकर बेचे जा सकेंगे। इसके लिए नाफेड के मौजूदा 900 सहकारी संघों की सदस्यता को बढ़ाकर देशभर के 63 हजार पैक्स के साथ भी जोड़ा जाएगा। 

केंद्रीय सहकारिता मंत्री शाह सोमवार को कृषि विपणन में सहकारी संस्थाओं की भूमिका विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इसके पूर्व नाफेड चेयरमैन विजेंद्र सिंह ने बताया कि  1958 से शुरू हुआ नाफेड 2003-04 में डूबने की कगार पर पहुंच गया था, 1600 करोड़ रुपए का घाटा था।  करीब डेढ़ सौ अधिकारी कर्मचारी इस्तीफा देकर जा चुके थे। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 39 हजार करोड़ रुपए दिए, जिससे नाफेड का पुनर्जीवन हो सका और कोविड काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में 8 महीने तक राशन पहुंचाया। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सहकारिता मंत्रालय का गठन करके अमित भाई को कमान सौंपी है, जोकि एक बार ठान लेते हैं तो करके ही रहते हैं। धारा 370 का हटाना इसका प्रमाण है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि सहकारिता को प्रभावी बनाने के लिए एक्ट में सुधार किया जा रहा है। साथ ही गांव-गांव को सहकारिता आंदोलन से जोड़ा जा रहा है। इस मौके पर केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा, कृषि मंत्री कमल पटेल, सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया, इफको चेयरमैन दिलीप संघवी, कृभको चेयरमैन चंद्रपाल यादव, केंद्रीय सचिव ज्ञानेश कुमार एवं नाफेड के एमडी राजबीर सिंह आदि मौजूद थे। 

विरोध तो होगा, लेकिन पारदर्शिता लाकर रहेंगे

केंद्रीय सहकारिता मंत्री शाह ने कहा कि सहकारिता एक्ट में बदलाव कर रहे हैं, जिससे नाफेड, कृभको, इफको और अमूल जैसी संस्थाएं एक्सपोर्ट भी कर सकेंगे। अभी चिप्स या आटा बनाने वाली कंपनियों मंडियों में किसानों से खरीदी करती हैं। अब नाफेड किसानों से खरीद कर कंपनियों को बेचे, ताकि किसानों को ज्यादा मुनाफा मिल सके। उन्होंने कहा कि  इसके लिए महीनेभर में ड्राफ्ट तैयार करके सौंप देंगे। शाह ने कहा कि इसका शुरुआत में विरोध होगा, लेकिन किसान हित में और सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए यह लागू होगा।

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