भोपाल। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के बच्चों के उज्वल भविष्य निर्माण के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। प्रदेश में उच्च शिक्षा के विकास के निरंतर नए आयाम लिखे जा रहे हैं। कोरोना के कठिन दौर में भी कॉलेज निर्माण हो या नवीन पाठ्यक्रमों का सुव्यस्थित संचालन, उच्च शिक्षा के विकास में कमी नहीं आने दी गई। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.यादव आज नर्मदापुरम जिले के इटारसी में महात्मा गांधी स्मृति स्नातकोत्तर महाविद्यालय के 5 करोड़ 24 लाख की लागत से बने नवीन वाणिज्य भवन के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय शिक्षा का इतिहास गौरवशाली रहा है। वर्ष 1845 में आई लॉर्ड मैकाले की शिक्षा नीति ने कहीं न कहीं हमारी आत्म-ज्ञान, आत्म-बोध एवं आत्म-शोध की परंपरा को बाधित किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारत की विविध क्षेत्रीय भाषा, बोली, संस्कार एवं एकता में अनेकता की संस्कृति को पुनः स्थापित किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति से अब भारतीय शिक्षा की गौरवशाली परंपरा की धारा अविरल प्रवाहित होगी। महाविद्यालय शिक्षा के मंदिर के रूप में स्थापित होगा। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विगत 2 वर्षों में लगभग 2 हजार करोड़ की लागत से निरंतर सभी जिलों में कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 5 करोड़ 24 करोड़ रूपए की लागत से बना यह सर्व सुविधायुक्त भवन विद्यार्थियों के लिए उपयोगी साबित होगा।
विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि शिक्षा की सभी विधाओं में पारंगत डॉ. मोहन यादव हमारे उच्च शिक्षा मंत्री हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव के प्रयासों से नर्मदापुरम में निरंतर उच्च शिक्षा का विकास हो रहा है, जिससे यहाँ के बच्चे राष्ट्र, प्रदेश एवं नर्मदापुरम का नाम विश्व में रोशन कर सकेंगे। उन्होंने नवनिर्मित भवन के लिए उच्च शिक्षा मंत्री को साधुवाद भी दिया। विधायक डॉ. शर्मा ने क्षेत्र में उच्च शिक्षा के विकास एवं नवीन पाठ्यक्रमों के संचालन संबंधी कुछ मांगे उच्च शिक्षा मंत्री के सम्मुख रखी। विधायक सोहागपुर श्री विजयपाल सिंह ने कहा कि उच्च शिक्षा मंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में उच्च शिक्षा के विकास के नए आयाम लिखे जा रहे हैं। कॉलेज प्रबंधन द्वारा उच्च शिक्षा मंत्री सहित अन्य जन-प्रतिनिधि एवं अधिकारियों को स्मृति-चिन्ह भेंट किए गए।