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आजादी की ‘गुमनाम नायिका’ सरस्वती राजामणि पर 10 साल की बेटियों ने लिखी पुस्तक

भोपाल। हमें स्वतंत्रता मिले 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं और देश ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है। यह आजादी वर्षों के संघर्ष, तपस्या, शौर्य और बलिदान की बदौलत मिली है। इसमें कई ऐसे क्रांतिकारी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की कुर्बानी शामिल है, जिनके बारे में या तो कम जानकारी है या फिर हम बिल्कुल अनजान हैं। देश के लिए अपनी जान दांव पर लगाने वाली ऐसी ही एक शख्सियत पर 10 साल की दो बेटियों ने पुस्तक लिखी है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को इन बेटियों के साथ पौध-रोपण कर उनके द्वारा लिखी पुस्तक ‘सरस्वती राजामणि- एक भूली-बिसरी जासूस’ का विमोचन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दोनों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ और आशीर्वाद दिया।

‘आजादी के अमृत महोत्सव’ में देवयानी और शिवरंजनी अपनी पुस्तक के जरिए भारत की सबसे कम उम्र की महिला जासूस सरस्वती राजामणि से परिचय करा रही हैं। देवयानी और शिवरंजनी जुड़वां बहनें हैं। इन्होंने महज 10 साल की उम्र में आजाद हिन्द फौज की जासूस सरस्वती राजामणि पर सचित्र पुस्तक लिखी है। इसके सभी चित्र दोनों बच्चियों ने मिल कर बनाए हैं।  देवयानी और शिवरंजनी का कहना है ‘इस वक्त जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, हमें उन लोगों को भी याद करना चाहिए, जिनके बारे में ज्यादा लिखा-पढ़ा नहीं गया है, जो हमारे गुमनाम नायक/ नायिका हैं। स्वतंत्रता दिलाने में जिनका महत्वपूर्ण योगदान है, लेकिन हमें जानकारी नहीं है। साल 2021 में इन बच्चियों की पहली पुस्तक ‘सूर्य नमस्कार’ प्रकाशित हो चुकी है, जिसे देश के पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सराहा था।

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