मुंबई। सोचिए टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री होते और भारत को इंग्लैंड में ऐसी ही शर्मनाक हार मिलती जैसे मंगलवार को मिली तो क्या होता? सोशल मीडिया पर शास्त्री जमकर ट्रोल हो रहे होते। कहा जाता कि शराब और पार्टी कल्चर को प्रमोट करने वाले को कोचिंग का काम दोगे तो कैसे भारत को जीत मिलेगी, लेकिन आज शास्त्री टीम के कोच नहीं हैं। राहुल द्रविड़ हैं। तो क्या टीम इंडिया को मिली हार का ठीकरा राहुल द्रविड़ के सिर पर वैसे ही फोड़ा जाएगा?
एक साल पहले जब शास्त्री कोच थे और भारतीय टीम इंग्लैंड गई थी तो चार टेस्ट मैचों के बाद वह 2-1 से आगे थी। अगर कोरोना ने भारतीय टीम पर अटैक नहीं किया होता तो शायद हम सीरीज भी जीत जाते। 10 महीने बाद द्रविड़ टीम के कोच थे और हमने इंग्लैंड में 15 साल बाद टेस्ट सीरीज जीतने का मौका गंवा दिया। यह द्रविड़ के कोच बनने के बाद भारतीय टीम की पहली नाकामयाबी नहीं है। इससे पहले क्या हुआ चलिए पहले उसे देख लेते हैं...
द्रविड़ की कोचिंग में टीम इंडिया को पहला झटका साउथ अफ्रीका दौरे पर लगा में लगा था। अफ्रीकी दौरे पर गई टीम इंडिया काफी मजबूत थी। वहीं, साउथ अफ्रीकी टीम को वहां की अब तक की सबसे कमजोर टीम माना जा रहा था। टेस्ट सीरीज की शुरुआत हमारे लिए शानदार रही। भारत ने सेंचुरियन में खेले गए पहले मुकाबले में जीत हासिल की।
यह पहला मौका था जब सेंचुरियन में किसी एशियाई टीम ने टेस्ट मैच जीता था। साथ ही साउथ अफ्रीका की टीम ने इस ग्राउंड पर 2014 के बाद पहली बार कोई टेस्ट मैच हारा था। इसके बावजूद साउथ अफ्रीका ने वापसी की और अगले दोनों मैच जीतकर सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली। इसी सीरीज के बाद विराट कोहली ने टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने का ऐलान किया।