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उत्तराखंड के डमटा हादसे के मृतकों के परिजन को नहीं मिले डेथ सर्टिफिकेट

एसीएस होम ने कहा, सर्टिफिकेट में तकनीकी खामी सुधारने भेजा गया

भोपाल। उत्तराखंड के ऋषिकेश में बस हादसे में जान गंवाने वालों के परिजन को उनके डेथ सर्टिफिकेट नहीं मिलने से बैंक खातों और जमीन ट्रांसफर में परेशानी आ रही है। दूसरी ओर, प्रशासन का कहना है कि मृतकों में से सिर्फ दो परिवारो के ही डेथ सर्टिफिकेट नहीं दिए जा सके हैं, क्योंकि उनमें नाम और पते की स्पेलिंग में गलती होने से सुधार के लिए वापस उत्तराखंड भेजा गया था। एक -दो दिन में यह सर्टिफिकेट भी सौंप दिए जाएंगे।

ज्ञात हो कि बीते 6 जून को उत्तराखंड के ऋषिकेश के पास डमटा में पन्ना के तीर्थ यात्रियों से भरी खाई में पलट गई थी। इसमें 26 तीर्थ यात्रियों की मौत हो गई थी। इनमें पवई निवासी अवधेश पांडे और शंकुतला पांडे की भी मौत हो गई थी। इनके परिजन मनीष गौतम के अनुसार उनको अभी तक अपने परिजन के डेथ सर्टिफिकेट के साथ ही एफआईआर की कॉपी, चालान, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आदि नहीं मिले हैं। यहां तक की एक कच्ची स्लिप तक नहीं दी गई, जिसके आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई कर सकते। परिजन की शिकायत है कि तेरहवी वगैरह होने के बाद पेंशन, अकाउंट, अचल संपत्ति ट्रांसफर के साथ ही फौती नामांतरण आदि में दिक्कत आ रही है। बैंक खाते भी आॅपरेट नहीं हो पा रहे हैं। इसी तरह के कुछ और मामले हैं, जिनमें मृतकों का रिकार्ड जमा नहीं करने से पेंशन नहीं बन सकी है। 

सुधार के लिए भेजा गया: डॉ. राजौरा

अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि जब विशेष विमान से मृतकों को उत्तराखंड से पन्ना तक लाया गया था, तो उनके साथ ही उनके डेथ सर्टिफिकेट भी आए थे। यह डेट सर्टिफि केट तत्काल मृतकों के परिजन को दे दिए गए थे। हालांकि 26 मृतकों में से 24 मृतकों के परिवार को उनके डेथ सर्टिफिकेट सही पाए गए, लेकिन सिर्फ दो मृतकों के डेथ सर्टिफिकेट में नाम की स्पेलिंग और पता में तकनीकी खामी होने से संशोधन के लिए वापस उत्तराखंड सरकार को भेजे जा चुके हैं। डॉ. राजौरा के अनुसार उन्होंने इस बाबत पन्ना कलेक्टर से बात की है, जिसके अनुसार दो-तीन दिन में बचे हुए दो परिवारों को भी संशोधित डेथ सर्टिफिकेट सौंप दिए जाएंगे।

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