भोपाल। कान्हा प्रबंधन द्वारा आज दिनांक 13.07.2022 को दोपहर 12.05 बजे घोरेला बाघ बाडे मे विचरण करने वाली मादा बाघ सुंदरी को वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, भोपाल म.प्र., में स्थानांतरण हेतु रवाना कर दिया गया है। इस बाघिन को आज कान्हा एवं पेंच टायगर रिजर्व के वन्यप्राणी चिकित्सकों एवं अधिकारियों द्वारा निश्चेत कर उसके शरीर के आवश्यक माप रिकार्ड किए गए तथा स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। यह सम्पूर्ण कार्यवाही श्री एस.के सिंह, क्षेत्र संचालक, कान्हा टाईगर रिजर्व, के मार्गदर्शन में कान्हा प्रबंधन द्वारा सम्पन्न की गई।
सतकोसिया टाईगर रिजर्व उड़ीसा में बाघ स्थापना कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2018 मे बांधवगढ़ से एक बाघिन को सतकोशिया भेजा गया था। सतकोशिया मे कुछ अवांछित घटनाओं के पश्चात बाघिन को क्षेत्रिय नागरिकों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से सतकोसिया टाईगर रिज़र्व में दो वर्ष तक बाड़े में रखा गया था। भारत सरकार राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा बाघ स्थापना कार्यक्रम की समीक्षा उपरांत कार्यक्रम को स्थगित करते हुये स्थानांतरित बाघिन को म.प्र. वापस करने के निर्देश जारी किये गये। इस संबंध मे एक याचिका क्रमांक 10922/2020 को म.प्र. उच्च न्यायालय मे प्रस्तुत की गयी थी। माननीय उच्च न्यायालय के दिनांक 04.11.2020 के आदेशानुसार बाघिन को कान्हा टायगर रिजर्व मण्डला मे वन्यजीवन हेतु पुनः प्रशिक्षित करने हेतु निर्देशित किया गया। दिनांक 24.03.2021 बाघिन को सतकोसिया से लाया जाकर वनक्षेत्र में पुर्नस्थापना हेतु प्रशिक्षित करने के लिए कान्हा टाईगर रिजर्व, मण्डला के मुक्की परिक्षेत्र के अंतर्गत घोरेला बाघ बाड़ा मे रखा गया था, बाघिन सुंदरी के द्वारा शिकार करने की प्रवृति अंगीकार कर की गयी थी, परन्तु उसका मनुष्यों के समीप जाने का व्यवहार परिवर्तित न होने के कारण मुक्त वन क्षेत्र में छोड़ा जाना सुरक्षित नही था। मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक म.प्र., भोपाल के द्वारा इसे वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, भोपाल स्थानांतरित करने के आदेश दिये गये। यह कार्यवाही इसी संदर्भ में सम्पन्न हुई।