घटिया काम के बदले मिलभगत से भुगतान करवाया गया
भोपाल। मप्र हाउसिंग बोर्ड के पांच इंजीनियरों सहित दो ठेकेदारों को विशेष न्यायाधीश भ्रष्टचार निवारण अधिनियम राजीव पाल ने तीन-तीन साल की सजा और दो-दो हजार रुपए की सजा सुनाई है। इनमें से एक ठेकेदार की मौत मामले की सुनवाई के दौरान ही हो चुकी है।
इस बारे में जनसंपर्क अधिकारी भोपाल संभाग मनोज त्रिपाठी ने बताया कि ईओडब्ल्यू ने हाउसिंग बोर्ड के सहायक यंत्री वायआर गौडसे, उपयंत्री एमके कयूमी, उपयंत्री एमसी त्रिवेदी, उपयंत्री एमक्यू खान, उपयंत्री आरसी कराडा के साथ ही ठेकेदार प्रकाश मीरचंदानी और हरमिंदर सिंह सूरी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में चालान पेश किया था। आरोपियों के खिलाफ धारा 120 बी, 420, 467, 468, 471 भादवि एवं धारा 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के आरोप थे। अदालत ने प्रत्येक धारा में 3-3 वर्ष सश्रम कारावास व 2-2 हजार रू का अर्थदण्ड, प्रकाश मीरचंदानी, हरमिंदर सिंह सूरी को धारा 420, 467, 468, 471 120बी, भादवि में प्रत्येक धारा में 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास व 2-2 हजार रू का अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
घटना का विवरण
मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड अभिरूचि परियोजना के अंतर्गत सुभाष नगर भोपाल अभिरूचि परिसर के निर्माण कार्य में षडयंत्र करके मेनुअल के विपरीत मापों का आकलन कर घटिया निर्माण कार्य करवाया एवं कूटरचित दस्तावेंजों के आधार पर ठेकेदारों को अनुचित रूप से भुगतान किया गया। इससे शासन को आर्थिक हानि हुई। इसकी शिकायत होने पर ईओडब्ल्यू ने जांच की थी।