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इधर 30 करोड़ की छूट, उधर आयकर का छापा

भोपाल। मप्र में एम्बुलेंस संचालन के लिए 30 करोड़ की छूट मांग रही जय अम्बे कंपनी पर आय से अधिक संपत्ति को लेकर आयकर की छापेमारी हुई है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में आयकर विभाग की टीम गुरुवार की सुबह 5:30 बजे के करीब रायगढ़ के जय अंबे ट्रांसपोर्ट संचालक के निवास स्थल ढिमरापुर क्षेत्र के आशीर्वाद पुरम कालोनी स्थित घर मे दबिश देकर छापामारी हुई है।  जय अंबे टाप 5 ट्रांसपोर्ट कंपनी के लिस्ट में भी शामिल है। इस कंपनी के संचालक रिंटू सिंह के लेन देन व अघोषित आय को लेकर आयकर विभाग की टीम लंबे समय से नजर रखे हुई थी। छापेमारी के बाद अब रिंटू सिंह के घर मे मौजूद दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। जय अंबे ट्रांसपोर्ट के संचालक कांग्रेस से जुड़े होने की बात सामने आ रही है।  छत्तीसगढ़ में रजिस्टर्ड वाहनों को मप्र में एंबुलेंस व जननी एक्सप्रेस बनाकर दौड़ा रही जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज (जेएईएस) सरकार से लगभग 30 करोड़ रोड टैक्स में छूट मांग रही है। परिवहन और स्वास्थ्य मंत्री की सिफारिश के बाद भी परिवहन विभाग ने सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों का हवाला देते हुए टैक्स में छूट देने से हाथ खड़े कर दिए हैं। मामला वित्त विभाग के पास भी जाएगा। उसके बाद सिर्फ कैबिनेट का रास्ता बचेगा। जेएईएस की 606 एंबुलेंस और 686 जननी एक्सप्रेस मप्र में चल रही हैं। ये सभी वाहन छत्तीसगढ़ में रजिस्टर्ड हैं। इस कंपनी से स्वास्थ्य विभाग ने 2052 वाहनों के लिए अनुबंध किया है। अभी 1292 गाड़ियों ऑन रोड हैं, शेष एक-दो महीने में आना है। कंपनी ने सरकार से प्रदेश में रोड टैक्स में छूट की मांग की है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत कंपनी को छूट देने के पक्ष में हैं। इन दोनों के पत्र मिलने पर परिवहन आयुक्त कार्यालय ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मप्र की संचालक प्रियंका दास को पत्र लिखकर 6 बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। इधर, जेएईएस प्रोजेक्ट हेड संतोष मोरे ने कहा कि छग सरकार ने टैक्स में छूट दे रखी है। मप्र सरकार से भी छूट की मांग की है। वहां मिली छूट के कारण ही गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन छग में कराया था।

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