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चुनाव आचार संहिता की भेंट चढ़ गई मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना, चुनाव तक सैकड़ों जोड़े नहीं बन पाएंगे जीवन साथी

बेगमगंज। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के लगी आचार संहिता के कारण मुख्यमंत्री कन्यादान, निकाह विवाह योजना पर ग्रहण लग गया है। सरकार ने इस योजना को फिलहाल स्थगित कर दिया है। जिले के प्रभारी मंत्री द्वारा जून के अंदर कन्यादान और निकाह योजना की तारीखे दी गई थी जो 25 जून तक विवाह सम्मेलन आयोजित करने की थी लेकिन आचार संहिता लगते ही लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है तहसील सहित जिला विदिशा के तहसील ग्यारसपुर में आयोजित होने वाली 5 जून की शादियां और सागर में आयोजित होने वाली 12 जून की शादियां भी खटाई में पड़ गई हैं। सिरोंज में 31 मई को होने वाला सामूहिक विवाह सम्मेलन टल गया है। इससे विवाह की तैयारी वाले परिवार में चिंता बढ़ गई है। योजना के तहत चयनित गरीबों का कहना है कि अब शादी तो करनी है चाहे जैसे भी हो। जिले में जून माह में कन्यादान योजना के तहत 6 एवं 11 जून तथा  निकाह योजना के तहत 15 एवं 25 जून की तिथियां घोषित की गई थी । आचार संहिता के कारण अब कार्यक्रम आयोजित नहीं हो पाएंगे और कन्याओं को योजना का लाभ भी नहीं मिल पाएगा। अब उन गरीबों की चिंता बढ़ गई हैं जिनके बेटे-बेटियों का विवाह होना था।   

ऐसी स्थिति में क्षेत्र के रहने वाले कई समाजसेवियों और स्थानीय नेताओं ने चुनाव आयोग से मांग की है कि पूर्व से घोषित तिथियों में आयोजित कन्या विवाह योजना का लाभ बरकरार रखा जाए ताकि गरीबों की बेटियों की शादियां संपन्न हो सके और उन्हें योजना का लाभ मिल सके।  वहीं कई परिजन परेशान दिखाई दे रहे हैं। परिजनों का कहना है कि अब विवाह कैसे होगा हमारी स्थिति ऐसी नहीं है कि हम विवाह कर सकें। कुछ लोगों से उधार लेकर विवाह की तैयारी में जुटे हैं। टेकरी पर रहने वाली भूरी बाई  अयोध्या बस्ती में रहने वाली कौशल्या बाई, मुकरबा में रहने वाले पीर खान का कहना है विवाह टलने की बात सुनकर मेरी तो नींद ही उड़ गई है। अपनी बेटियों और बेटे का विवाह ग्यारसपुर में 5 जून को आयोजित होने वाले कार्यक्रम में कर रहे थे अब चिंता यह है कि विवाह किस तरीके से हो पाएगा।

ऐसी दर्द भरी कहानी 1- 2 की नहीं बल्कि दर्जनों लोगों की है जो लॉकडाउन के 2 साल बीतने के बाद आस लगाए बैठे थे कि इस बार सम्मेलन आयोजित होंगे उनकी बेटियों के हाथ पीले हो जाएंगे उनका घर बस जायेगा लेकिन त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की आचार संहिता के कारण उक्त कार्यक्रम आयोजित नहीं होने से ऐसी सभी लोगों को निराशा हाथ लगी है।

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