भोपाल। आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रामकिशोर कावरे ने कहा है कि देश में आयुर्वेद पद्धतियों का प्राचीन-काल से गौरवमयी इतिहास रहा है। इन पद्धतियों से ही हमने कोरोना जैसी गंभीर बीमारी पर विजय प्राप्त की है। उन्होंने आयुर्वेद पद्धतियों में निरंतर शोध किये जाने पर भी जोर दिया। राज्य मंत्री श्री कावरे आज उज्जैन में राष्ट्र-स्तरीय आयुर्वेद मेले को संबोधित कर रहे थे।
राज्य मंत्री श्री कावरे ने कहा कि कोरोना के संकट काल में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में आयुर्वेदिक दवाइयों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस दौरान जन-सामान्य ने भी इन दवाइयों के महत्व को समझा है। राज्य मंत्री श्री कावरे ने कहा कि प्रदेश में आयुर्वेद के विकास के लिये कई योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में शासकीय स्तर पर 7 आयुर्वेद महाविद्यालय और 23 निजी महाविद्यालय संचालित हो रहे हैं। प्रदेश में 21 जिला आयुर्वेद चिकित्सालय, 21 आयुष विंग और 1496 आयुर्वेद डिस्पेंसरी काम कर रही हैं। विभाग द्वारा 362 आयुष वेलनेस सेंटर स्थापित किये गये हैं। विभाग में रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया भी तेजी से की जा रही है।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्राचीन-काल में आयुर्वेद के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने पर वैद्यों ने धनवंतरी की उपाधि प्राप्त की। कार्यक्रम को सांसद श्री अनिल फिरोजिया और विधायक श्री पारस जैन ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में डॉ. दुर्गा प्रसाद ने जानकारी दी कि उज्जैन में होने वाला अखिल भारतीय आयुर्वेद अधिवेशन 59वाँ है। वैद्य श्री राकेश शर्मा ने बताया कि आयुर्वेद का आधार स्वस्थ भारत का आधार है। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद पद्धति से हम स्वस्थ जीवन जीने की कला को और अच्छे तरीके से जान सकते हैं। कार्यक्रम को वैद्य श्री त्रिगुणा ने भी संबोधित किया। आयुर्वेद महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने मंच पर आकर्षक तरीके से योगाभ्यास का प्रदर्शन किया।