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बगैर अधिकारी के तीन सौ डाइविंग लाइसेंस पास करतीं हैं पूजा दुबेदी

600रूपये का फर्जी प्रमाण एवं नौ‌सौ रूपए घूंस ली जाती है

रीवा।  रीवा परिवहन कार्यालय में पदस्थ महिला लिपिक पूजा दुबे अकेले बगैर अधिकारी की उपस्थिति में तीन सौ डाइविंग लाइसेंस पास करतीं हैं  प्रति लाइसेंस  लर्निंग लाइसेंस के  पन्द्रह सौ रुपए एवं लाईट रिन्यूअल के दो हजार रुपए घूस दी जाती है शासन के निर्देश अनुसार कहने के लिए तो आन लाइन आवेदन लिए जाएंगे परन्तु दस्तावेज सत्यापन के नाम पर अधिकारी से मार्क कराने के नाम पर लर्निंग लाइसेंस का पन्द्रह सौ रुपए लाईट L.M.V,. RENEWAL..की दो हजार रुपए घूस ली जाती है  सुखी नन्द नामक बाबू ने बताया कि हमारे पास कोई अधिकार नहीं है हमें तो कोई काम आर टीओ ने नहीं दिया है पूरा काम पूजा दुबेदी मेम देखती है इस शाखा में हर दिन दो लाख रुपए से अधिक की घूंस खोरी होती है आर टीओ मनीष त्रिपाठी कार्यालय में कभी भी नहीं रहते  कोई भटकने के बाद घूंस देने के लिए विवस हो जाता है जियो बाबू नरेश तिवारी कार्यालय में भी मोटा माल हासिल कर रहे हैं जब कोई मामला उलझ जाता है तो उस पेपर में जियो बाबू से अधिकारी चुपचाप हस्ताक्षर करने का अधिकार दे रखा है  टैक्स फिटनेस शाखा में हीरा उर्फ अनिल की हुकूमत कायम है जिसके खिलाफ कोई बोलने की हिम्मत नहीं जुटा सकता सुशील पटेल हीरा की हुकूमत के पीछे हर काम करने को विवश हैं जिसे हीरा प्रति दिन पांच सौ रुपए थंब लगाने का देता है अनिल खरे अन्नू के पास कोई काम नहीं है उनका कहना है कि हमें कोई भी काम अधिकारी ने नहीं दिया है समय काट रहे हैं यहां सर्वाधिक आमदनी एवं काम के बारे में पूछे जाने सब कुछ खुल कर सामने आ गया लेकिन हर आदमी गले तक घूंस खोरी की कालिख से डूबे हुए हैं जो बोलना नहीं चाहते हैं रीवा परिवहन कार्यालय को मनीष त्रिपाठी ने तीन साल में चकला घर की तस्वीर में बदल दिया है, उन्हें हर दिन पांच लाख रूपए चाहिए सब खर्च काटने के बाद तो उसकी भरपाई भरपूर निजी कर्मचारियों द्वारा मनमानी वसूली के साथ हो रहीं है वर्तमान में पांच से अधिक इस कार्यालय कि जांच कार्रवाई उच्च स्तरीय चल रही है वह दिन दूर नहीं है जब‌ आर‌टीओ मनीष त्रिपाठी गंभीर आरोप की कार्रवाई का शिकार हो जाय उसके साथ ही तीन‌ बाबू‌ एंव सोलह निजी कर्मचारियों को भी ले डूबने का दिन सामने आ गया है। 

जिला परिवहन अधिकारी का जो छिपा खेल उस दलाल के इशारे पर‌ चल रहा जो किसी का आज़ तक हुआं ही नहीं जिस थाली में खाता है उसे पहले फोड़ता है उसके कारनामों एवं छिपी हरकतों की बड़ी इबारत तैयार है जो किस परिणाम का इंतजार रहीं हैं उसकी कल्पना करना मुश्किल है। 

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